लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप�
संजीव कुमार
स्नातकोत्तर शिक्षक हिन्दी
(जवाहर नवोदय विद्याला सोनीपत)
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पॉवरपॉइंट प्रदर्शन के संबंध में .......
शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौंदर्य
प्रश्न
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अनुक्रम
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परिचय
दुर्घटनाओं से बचने के लिए इनको चुनिया नामक एक दासी को सौंप दिया और स्वयं सन्यास धारण कर लिया ।
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तुलसी दास जी की काव्यगत विशेषताएँ-
संवेदना की दृष्टि से, वरन काव्यभाषा के घटकों की दृष्टि से भी सत्य है।
लोकभाषा अवधी व ब्रजभाषा) को साहित्य की रचना का माध्यम बनाया।
विशेषता उन्हें महाकवि बनाती है।
महाकाव्य बनकर उभरा है। इसकी लोकप्रियता का कारण लोक-संवेदना और समाज की नैतिक बनावट
की समझ है।
पुनः सृष्ट चरित्र हैं।
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तुलसी दास जी की भाषा – शैली
तथा काव्यभाषायी तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
काव्यभाषा की बहुल समृद्ध मिलती है।
राधाकृष्ण की कथाओं को साधिकार अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाते हैं।
पहचान सांगरूपक के क्षेत्र में तुलसीदास की है।
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गोस्वामी तुलसीदास की प्रमुख कृतियाँ
रचना | संक्षित परिचय |
रामचरितमानस | “रामचरित” (राम का चरित्र) तथा “मानस”(सरोवर) शब्दों के मेल से “रामचरितमानस” शब्द बना है l अत: रामचरितमानस का अर्थ है “राम के चरित्र का सरोवर”l |
दोहावली | दोहावली में दोहा और सोरठा की संख्या 573 है l इन दोहों में से अनेक दोहे तुलसीदास के अन्य ग्रंथों में भी मिलते हैं और उनसे लिए गए हैं l |
कवितावली | कवितावली की रचना कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में की गय है l कवितावली में सात काण्ड हैं l |
गीतावली | गीतावली, सात कांडों वाली एक और रचना है, जो श्री रामचंद्र जी की कृपालुता, राम कथा तथा रामचरित से संबंधित है l |
विनयपत्रिका | विनय पत्रिका में 279 स्तुति गान है l जिनमें प्रथम ४३ स्तुतियाँ विविध देवताओं की हैं और शेष श्री रामचंद्र जी की l |
कृष्ण गीतावली | इसमें श्रीकृष्ण जी की 61 स्तुतियाँ है l उनकी बाल्यावस्था और ‘गोपी-उद्धव संवाद’ के प्रसंग व शैली अत्यधिक सुन्दर है l |
रामलला नहछू | रचना सोहर छंदों में है l राम के विवाह के अवसर के नहछू का वर्णन कराती है l नहछू नख काटने की रीति हैl |
वैराग्य संदीपनी | यह चौपाई-दोहों में रची हुई है l दोहे और सोरठे 48 तथा चौपाई की चतुष्पदियाँ चौदह हैं l |
रामाज्ञा प्रश्न | रचना अवधी में है और तुलसीदास की प्रारम्भिक कृतियों में है l यह शुभाशुभ फल विचार के लिए रची गयी हैl |
जानकी मंगल | इसमें श्री जानकी जी तथा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के मंगलममय विवाहोत्त्सव का बहुत ही मधुर शब्दों में वर्णन किया है l |
सतसई | दोहों का एक संग्रह ग्रन्थ है l इनमें से अनेक दोहे ‘दोहावली’ सहित तुलसी के अन्य ग्रंथों में भी मिलते हैं या उनसे लिए गए हैं l |
पार्वती मंगल | इसका विषय शिव-पार्वती विवाह है l ‘जानकी मंगल’ की भांति यह भी सोहर और हरिगीतिका छंदों में रची गयी है l |
बरवै रामायण | बरवै रामायण रचना के मुद्रित पाठ में स्फुट 69 बरवै हैं, जो ‘कवितावली’ की ही भांति सात काण्डों में विभाजित है l |
हनुमान चालीसा | यह अत्यंत लघु रचना है इसमें श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है l |
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नाभादास कलिकाल का वाल्मीकि
रामविलास शर्मा जातीय कवि
अमृतलाल नागर मानस का हंस
स्मिथ मुगलकाल का सबसे महान व्यक्ति
ग्रियर्सन बुद्धदेव के बाद सबसे बड़ा लोक-नायक
बाबू गुलाब राय सुमेरु कवि गोस्वामी तुलसीदास
भिखारीदास तुलसी गंग दुवौ भए सुकविन के सरदार l
इनके काव्यन में मिली भाषा विविध प्रकारll
रहीमदास रामचरितमानस विमल, संतन जीवन प्रान l
हिन्दुवान को वेद सम, यवनहिं प्रकट कुरान ll
हजारीप्रसाद द्विवेदी भारतवर्ष का लोकनायक वही हो सकता है
जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर आया हो
रामचंद्र शुक्ल यह एक कवि ही हिन्दी को प्रौढ़ साहित्यिक
भाषा सिद्ध करने के लिए काफी है l
सुमित्रा नंदन पन्त कविता करके तुलसी न लसे,
कविता लसी पा तुलसी की कला
तुलसीदास के सन्दर्भ में विद्वानों के उद्गार .......
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रामचरितमानस और पद्मावत
जायसी ने पद्मावत को फारसी मे लिखा था और बाद में इसकी कई पांडुलिपियाँ अरबी और कैथी लिपि में भी पाई गईं। जब तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ लिखना शुरू किया तो उन्होंने ‘पद्मावत’ की दोहा-चौपाई संरचना अपनाई। जायसी की इस छंद-योजना का चरम विकास तुलसी के 'रामचरितमानस' में प्राप्त होता है।
अंतर केवल भाषा का था । जायसी की अवधी में बोलचाल का पूरा जायका था जबकि तुलसीदास ने अपनी काव्यात्मक भाषा गढ़ी जिसमें संस्कृत शब्दों का सबसे न्यायसंगत और रचनात्मक उपयोग था और उन्हें इतनी खूबसूरती से अवधी के साथ बरता गया कि वे कहीं से बाहरी नहीं लगते।
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लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप
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लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप कविता का सारांश
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
दोहा
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शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
तव | तुम्हारा, आपका | अस | इस तरह |
प्रताप | यश | आयसु | आज्ञा |
उर | हृदय | पाइ | पाकर |
राखि | रखकर | पद | चरण, पैर |
जैहऊँ | जाऊँगा | बंदि | वंदना करके |
नाथ | स्वामी |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
दोहा
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शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
बहु | भुजा | महुँ | में |
सील | सद्व्यवहार | सराहत | बड़ाई करते हुए |
गुन | गुण | फिर-फिर | फिर-फिर |
प्रीति | प्रेम | हनुमान | हनुमान |
अपार | अधिक |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
उहाँ | वहाँ | काऊ | किसी प्रकार |
लछिमनहि | लक्ष्मण को | मृदुल | कोमल |
निहारी | देखा | सुभाऊ | स्वभाव |
मनुज | मनुष्य | मम- हित | मेरा भला |
अनुसारी | समान | तजहु | त्याग दिया |
अर्द्ध-राति | आधी रात | सहेहु | सहन किया |
कपि | बंदर (हनुमान)। | बिपिन | जंगल |
आयउ | आया | हिम | बर्फ |
अनुज | छोटा भाई | आतप | धूप |
सकहु | सके | बाता | हवा, तूफ़ान |
मोहि | मुझे | तव | तेरा |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
सो | वह | नारि | स्त्री, पत्नी |
अनुराग- | प्रेम | होहिं | आते हैं |
वच | वचन | जाहि | जाते हैं |
बिकलाई | व्याकुल | जग | संसार |
जों | यदि | बारहिं बारा | बार-बार |
जनतेऊँ | जानता | अस | ऐसा, इस तरह |
बिछोहू | बिछड़ना, वियोग | बिचारि | सोचकर |
मनतेऊँ | मानता | जिय | मन में |
ओहू | उस। | ताता | भाई के लिए संबोधन |
बित | धन | सहोदर | एक ही माँ की कोख से जन्मे |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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29
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
जथा | जिस प्रकार | दैव | भाग्य |
बिनु | के बिना | जिआवै- | जीवित रखे |
दीना | दीन-हीन | मोही | मुझे |
मनि | नागमणि | जैहऊँ | जाऊँगा |
फनि- | फन (यहाँ-साँप) | कवन | कौन |
करिबर | श्रेष्ठ हाथी | मुहुँ- | मुहुँ- मुख |
कर | सूंड़ | हेतु | के लिए |
हीना | से रहित | गँवाई | खोकर |
मम- | मेरा | बरु | चाहे |
जिवन | जीवन | अपजस | अपयश |
बंधु | भाई | सहतेऊँ | सहन करता |
तोही | तुम्हारे | माहीं | में |
जौं | यदि | बिसेष | खास |
जड़ | कठोर | छति- | हानि, नुकसान |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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33
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
अपलोकु | अपयश | सौंपेसि | सौपा था |
सहिहि | सहन कर लेगा | मोह | मुझे |
निठुर | कठोर | गहि | पकड़कर |
उर | हृदय | पानी | हाथ |
निज | अपनी | हित | हितैषी |
जननी | माँ | जानी | जानकर |
कुमारा | पुत्र | उतरु | उत्तर |
तात | भाई | काह | क्या |
तासु | उसके | तेहि | उसे |
प्रान अधारा | प्राणों के आधार | किन | क्यों नहीं |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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36
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
स्रवत | बहता है | उमा | पार्वती |
सलिल | जल | अखण्ड | वियोग रहित |
राजिव | कमल | गति | दशा |
दल | दोनों | कृपाल | कृपा करने वाले |
लोचन | नेत्र | | |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
सोरठा
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39
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
प्रलाप | तर्कहीन वचन-प्रवाह। | जिमि | जैसे |
विकल | परेशान | महँ | में |
निकर | समूह | | |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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42
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
हरषि | खुश होकर | भ्राता | भाई |
भेटेउ | गले लगाकर प्रेम प्रकट किया | हरषे | खुश हुए |
अति | बहुत अधिक | सकल | समस्त |
कृतग्य | आभार | ब्राता | समूह, झंड |
सुजाना | अच्छा ज्ञानी, समझदार | ताहि | उसको |
बैद | वैद्य | पुनि | दुबारा |
कीन्हि | किया | लई आवा | लेकर आए थे। |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
चौपाई
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45
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
कथा | कहानी | सुररिपु | देवताओं का शत्रु |
तेहि | उस | मनुज अहारी | नरांतक |
जेहि | जिस | भट | योद्धा |
हरि | हरण करके | अतिकाय | एक राक्षस का नाम |
आनी | लाए | अपर | दूसरा |
कपिन्ह | हनुमान आदि वानर | महोदर | एक राक्षस का नाम |
महा महा | बड़े – बड़े | आदिक | आदि |
जोधा | योद्धा | समर | युद्ध |
संहारे | संहार किया | महि | धरती |
दुर्मुख | एक राक्षस का नाम | रनधीरा | रणधीर |
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शब्दार्थ
भावार्थ
काव्य सौन्दर्य
प्रश्न
दोहा
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48
शब्द | अर्थ | शब्द | अर्थ |
दसकंधर | रावण | आनि | लाकर |
बिलखान | दुखी होकर रोने लगा | सठ | मूर्ख |
जगदंबा | जगत-जननी | कल्यान | कल्याण, शुभ |
हरि | हरण करके | | |
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तुलसीदास विभिन्न स्मारक छवियों में.........
तुलसी जन्म कुटीर राजापुर,बाँदा
(अब चित्रकूट)
तुलसीदास के शिष्य परम्परा में मूल प्रति के उत्तराधिकारी
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तुलसीदास विभिन्न स्मारक छवियों में.........
तुलसी जन्म कुटीर, यमुना तट राजापुर, बाँदा (अब चित्रकूट)
रामचरित मानस की प्राचीन पांडुलिपि
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धन्यवाद