प्रस्तुति
एक कुत्ता और एक मैना
लेखक: हजारी प्रसाद द्विवेदी
हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक तथा ललित निबन्ध की परंपरा को नव-जीवन देने वाले हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के ‘आरत दूबे का छपरा‘ नामक गाँव में 1907 में हुआ। उन्हें गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के संपर्क में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। निबंध एवं आलोचना के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। द्विवेदी जी का व्यक्तित्व बहुमुखी था।
शांति निकेतन
पाठ का सार
भाषा- शैली
भाषा में सहज प्रवाह और आकर्षण
तत्सम, तद्भव तथा उर्दू शब्दों का प्रसंगानुकूल प्रयोग सरसता, रोचकता तथा गतिशीलता
शब्द संपदा
पुनरावृत्ति
1. मैना के मुख पर करुण भाव हैं - यह लेखक के मन में कैसे आया?
(क) उसे लंगड़ाते देखकर (ख) उसे एकांत में दुःखी देखकर
(ग) गुरुदेव के कहने पर (घ) मैना के कराहने पर
2. ‘मैना‘ कौन थी?
(क) तोते की संगिनी (ख) तोते से भिन्न एक स्वतंत्र मादा पक्षी।
(ग) तोते से भिन्न एक स्वतंत्र नर-पक्षी (घ) एक पक्षी नर या मादा होना।
3. लेखक को ‘मैना‘ विधुर पति क्यों प्रतीत हुआ?
(क) उसके कदमों में लड़खड़ाहट थी (ख) वह उदास थी।
(ग) उसकी चाल में स्वाभिमान था (घ) वह नर मैना थी।