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प्रस्तुति

  • राजेन्द्र सिंह शेखावत
  • प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (हिंदी)
  • के.वि.भा.नौसेना पोत,वालसुरा जामनगर

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एक कुत्ता और एक मैना

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लेखक: हजारी प्रसाद द्विवेदी

हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक तथा ललित निबन्ध की परंपरा को नव-जीवन देने वाले हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के ‘आरत दूबे का छपरा‘ नामक गाँव में 1907 में हुआ। उन्हें गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के संपर्क में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। निबंध एवं आलोचना के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। द्विवेदी जी का व्यक्तित्व बहुमुखी था।

शांति निकेतन

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पाठ का सार

  • लेखक द्वारा रवीन्द्रनाथ टैगोर के दर्शन करना।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा एक कुत्ते पर प्रेम प्रदर्शन तथा कुत्ते द्वारा आत्म निवेदन।
  • शांति निकेतन से कौवों का गायब होना। कारण कि कौवे प्रवासी पक्षी होते हैं।
  • गुरुदेव एक बार एक लंगड़ी मैना को देखकर उसमें करुण-भाव देखते हैं।
  • लेखक को मैना की करुणा दृष्टि पर विश्वास न होना। परंतु गुरुदेव की बातें सुनकर विश्वास हो गया कि वह अपने साथी से बिछुड़ी हुई वियोगिनी है। गुरुदेव ने उस पर एक कविता लिखी जिसमें उसके करुण-भाव का वर्णन है।

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भाषा- शैली

भाषा में सहज प्रवाह और आकर्षण

तत्सम, तद्भव तथा उर्दू शब्दों का प्रसंगानुकूल प्रयोग सरसता, रोचकता तथा गतिशीलता

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शब्द संपदा

  • उत्तरायण - सूर्य का मकर रेखा से उत्तर की ओर आना। वह छह महीने � का काल जब सूर्य की गति उत्तर दिशा में रहती है।
  • क्षीण वपु - दुर्बल काया
  • प्रगल्भ - बातूनी
  • परितृप्ति - पूरी तरह संतुष्ट होना
  • वाक्यहीन - भाषाहीन, मौन
  • अहैतुक - बिना कारण, निस्वार्थ
  • प्राणपण - जान की बाजी
  • आत्मनिवेदन - स्वयं को समर्पित करना
  • धृष्ट - ढीठ

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पुनरावृत्ति

1. मैना के मुख पर करुण भाव हैं - यह लेखक के मन में कैसे आया?

(क) उसे लंगड़ाते देखकर (ख) उसे एकांत में दुःखी देखकर

(ग) गुरुदेव के कहने पर (घ) मैना के कराहने पर

2. ‘मैना‘ कौन थी?

(क) तोते की संगिनी (ख) तोते से भिन्न एक स्वतंत्र मादा पक्षी।

(ग) तोते से भिन्न एक स्वतंत्र नर-पक्षी (घ) एक पक्षी नर या मादा होना।

3. लेखक को ‘मैना‘ विधुर पति क्यों प्रतीत हुआ?

(क) उसके कदमों में लड़खड़ाहट थी (ख) वह उदास थी।

(ग) उसकी चाल में स्वाभिमान था (घ) वह नर मैना थी।