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Test-11 - MCQ -हिंदी  -  पाठ-2 सुमिरिनी के मनके (भाग-2 ) घड़ी के पुर्जे (लेखक -चंद्रधर शर्मा गुलेरी)        20 October, 2020 की ऑनलाइन कक्षा पर आधारित
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1.   घड़ी के पुर्जे में लेखक ने इनमें से किस मुद्दे को प्रस्तुत किया है ? *
1 point
2.   घड़ी के पुर्जे खोलकर देखने से लेखक का क्या तात्पर्य है? *
1 point
3.   'घड़ी के पुर्जे ' निबंध में लेखक ने इनमें से किन लोगों पर व्यंग्य किया है ? *
1 point
4.    सही शब्दार्थो का मिलान करों   *
5 points
कान खोलकर
परीक्षा
घड़ी मरम्मत करने की कला
झंझट
उदाहरण
कान ढलकाकर
टंटा
इम्तहान
घड़ीसाजी
दृष्टान्त
5.    सही/गलत का मिलान करों। *
4 points
सही
गलत
लेखक के अनुसार धर्म के विषय में जानने का अधिकार केवल कुछ विशेष लोगों को होना चाहिए।
धर्म का वास्तविक अर्थ है वह गुण, स्वभाव अथवा कर्तव्य, जो सृस्टि के हित के लिए धारण किया जाये।
लेखक के अनुसार धर्मोपदेशकों द्वारा धर्म की बनावट की बहुत सरल और आसान शव्दों में व्यख्या की है।
घड़ीसाजी का इम्तिहान पास करने से तात्पर्य है कि व्यक्ति अपने कार्य में निपुण हो गया।
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