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ज्ञान गोष्ठी - QUIZ No. 14
विषय : सम्यकदर्शन, प्रश्न : 208 से 222
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१. सम्यकत्व का आत्मभूत लक्षण क्या है ?
*
1 point
स्व पर का यथार्थ भेदज्ञान
निर्विकल्प अनुभूति
२. गुणभेद की अपेक्षा से, भेदविज्ञान को कैसा कहा है ?
*
1 point
आत्मभूत लक्षण
अनात्मभूत लक्षण
३. जब निर्विकल्प अनुभूति नहीं हो रही होती है, उसी समय सम्यकत्व का सद् भाव हो सकता है ?
*
1 point
हॉ
नहीं
४. अनुभूति कौन से गुण की पर्याय है ?
*
1 point
ज्ञान
दर्शन
चारित्र
५. आत्मा की प्रतिती कौन से गुण की पर्याय है ?
*
1 point
ज्ञान
दर्शन
चारित्र
६. सम्यकदर्शन के लिए मुल / निश्चय पात्रता क्या है ?
*
1 point
पर्यायद्रष्टि द्वारा आत्मा को पकडना
द्रव्यद्रष्टि द्वारा स्वानुभव करना
७. सम्यकदर्शन के लिए व्यवहार पात्रता कैसी होनी चाहिए ?
*
1 point
व्रतादि के आश्रय से सम्यकदर्शन प्रगट होगा ऐसा द्रढ़ श्रघ्घान-ज्ञान
पर्याय भेद के आश्रय से सम्यकदर्शन प्रगट होगा ऐसा द्रढ़ श्रघ्घान-ज्ञान
आत्म स्वभाव सन्मुख ढलने से ही सम्यकदर्शन प्रगट होगा ऐसा द्रढ़ श्रघ्घान-ज्ञान
८. सम्यकदर्शन के लिए खास प्रकार की पात्रता का लक्षण क्या है ?
*
1 point
आत्महित करने की सच्ची लगनी / घगश
आत्म स्वरुप का शास्त्र ज्ञान
व्रतादि विघि का संपूर्ण पालन
९. सम्यकदर्शन न होने में क्या कारण है ?
*
1 point
आगम का अपूर्ण ज्ञान
पर द्रव्य का लक्ष्य
स्व की ओर झुकाव
१०. सम्यकदर्शन का मुल कारण क्या है ?
*
1 point
तत्व विचार
अपना ही आत्मा
उपर दिए हुए सभी विकल्प सही है
११. " में परमात्मा हूँ " ऐसा द्रढ़ विश्वास हो तो सम्यकदर्शन होगा ?
*
1 point
हॉ, द्रढ़ विश्वास के साथ अंतर द्रष्टि करने से जरुर होगा
नही, पहले व्रतादिका निरतिचार पालन करना होगा
१२. क्या तत्वविचार को सम्यकदर्शन का निमित्त कहा जाता है?
*
1 point
हॉ, सम्यकदर्शन के पूर्व तत्वविचार ही होते है
नहीं, सम्यकदर्शन के पूर्व तत्व के अलावा अन्य अशुभ विचार भी हो सकते हैं
१३. सम्यकदर्शन प्रगट होने के काल में लक्ष कहॉ होता है ?
*
1 point
नव तत्व के उपर
शुघ्घ जीव (आत्मा ) के उपर
१४. जो शुघ्घ जीवको जानता है वह नव तत्व को भी यथार्थ रूप से जानता है?
*
1 point
हॉ
नहीं
१५. जो नव तत्व को यथार्थ रूप से जानता है , वह शुघ्घ जीवको भी जानता है क्या?
*
1 point
हॉ
नहीं
१६. आत्मा पर का कर्ता नहीं, राग का कर्ता नहीं, राग से भिन्न ज्ञायक मूर्ति है , ऐसे विकल्प द्वारा सम्यग्दर्शन होगा ?
*
1 point
हॉ
नहीं
१७. सम्यग्दर्शन प्राप्त करने की विधि क्या है?
*
1 point
आत्मा पर का कर्ता नही ऐसी अंतर मे प्रतिती करना
राग का कर्ता नही ऐसी अंतर मे प्रतिती करना
राग से भिन्न ज्ञायक मूर्ति हु ऐसी अंतर मे प्रतिती करना
उपर दिये गए सभी विक्लप सही है
१८. भगवान आत्मा द्रष्टिमें आते ही जो आनंद का वेदन होता है वह कहॉ होता है ?
*
1 point
द्रव्य मे
पर्याय मे
१९. द्रव्य द्रष्टि हुई ऐसा कब कहते है?
*
1 point
विचार मे द्रव्य को मुख्य करने से द्रव्य द्रष्टि हुई ऐसा कहते है
आनंद का वेदन हो तब द्रव्य द्रष्टि हुई ऐसा कहते है
२०. आत्मा के साथ अभेद कौन है?
*
1 point
विकल्प रुप व्यवहार सम्यग्दर्शन
सम्यग्दर्शन की निर्मल पर्याय
२१. सम्यग्दर्शन के समय स्वभाव मे क्या होता है?
*
1 point
परिणति स्वभाव मे अभेद होकर परिणमित होती है
आत्मा अपने मे अभेद होकर परिणति रूप परिणमित होता है
उपर दिये गए सभी विक्लप सही है
२२. द्रष्टि के विषय में पर्याय क्या है ?
*
1 point
विषय
विषयी
२३. द्रव्यद्रष्टि करनेवाले जीवके लिए निर्मल पर्याय क्या है ?
*
1 point
शुध्ध अंत: तत्व
बर्हितत्व
२४. द्रव्यद्रष्टि करने में आलंबन कीसका लेना ?
*
1 point
शुध्ध अंत: तत्व
निर्मल सम्यग्दर्शन रूप बर्हितत्व
२५. सम्यग्दर्शन (निर्मल पर्याय) को बर्हितत्व कौनसी अपेक्षा से कहते है ?
*
1 point
राग की पर्याय अपेक्षा से
वह पर्याय अनित्य होने से ध्रुव अंत:तत्व की अपेक्षा से
२६. सम्यग्दर्शन के समय कौन से गुण का परिणमन स्वभाव की ओर झुकता है ?
*
1 point
ज्ञान
दर्शन
चारित्र
सभी गुणों का
२७. घ्येयरुप क्या है ?
*
1 point
सामान्य घ्रुव
नवतत्वरुप पर्याय
२८. घ्रुव स्वभाव और निर्मल पर्याय दोनों साथ में द्रष्टि का विषय हो सकते हैं ?
*
1 point
हॉ
नहीं
२९. सम्यग्दर्शन के विषय में द्रव्य और पर्याय को मिलाना - वह कौन सा विषय है ?
*
1 point
प्रमाण का
निश्चय नय का
३०. द्रव्य पर्याय को जानता है क्या?
*
1 point
हॉ
नहीं
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