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1 सूरदास
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1 ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
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1 point
क. उद्धव बड़े ही भाग्यशाली हैं क्योंकि उन्हें कृष्ण से जरा भी मोह नहीं है।
ख. उद्धव बड़े ही अभागे हैं क्योंकि उन्हें कृष्ण से जरा भी मोह नहीं है।
ग. उद्धव बड़े ही भाग्यशाली हैं ।
2 अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी।
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1 point
क. उद्धव के मन में किसी भी प्रकार का बंधन या अनुराग नहीं है,वे तो कृष्ण के प्रेम रस में डूबे हुए हैं |
ख. उद्धव के मन में किसी भी प्रकार का बंधन या अनुराग नहीं है,वे तो कृष्ण के प्रेम रस से जैसे अछूते हैं।
ग. उद्धव के मन में कृष्ण के प्रति अनुराग है, वे तो कृष्ण के प्रेम रस में डूबे हुए हैं |
3 पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
*
1 point
क. उद्धव उस कमल के पत्ते के सामान हैं जो जल में रहते हुए जल से भीगा रहता है|
ख. उद्धव उस कमल के पत्ते के सामान हैं जिस पर सदा जल की बूँदें पड़ी रहती हैं|
ग. उद्धव उस कमल के पत्ते के सामान हैं जो जल में रहते हुए भी जल के प्रभाव से मुक्त रहता है|
4 ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी
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1 point
क. तेल लगी गागर पर पानी की एक बूँद नहीं टिकती वैसे ही उद्धव पर भी कृष्ण के साथ रहते हुए भी उनके प्रेम से अछूते हैं
ख. तेल लगी गागर पर पानी की एक बूँद नहीं टिकती वैसे ही गोपियों पर भी कृष्ण के साथ रहते हुए भी उनके प्रेम से अछूते हैं
ग. तेल लगी गागर पर पानी की एक बूँद नहीं टिकती वैसे ही उद्धव पर भी कृष्ण के प्रेम में डूबे रहते हैं
5 प्रीति नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी।
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1 point
क. श्री कृष्ण के साथ रहते हुए उद्धव कृष्ण के प्रेम-रूपी दरिया में बहते रहे और उनके रूप-सौंदर्य का दर्शन करते रहे ।
ख. श्री कृष्ण के साथ रहते हुए भी उद्धव ने कृष्ण के प्रेम-रूपी दरिया में कभी पाँव नहीं रखा और न ही कभी उनके रूप-सौंदर्य का दर्शन किया।
ग. श्री कृष्ण के साथ रहते हुए भी गोपियों ने कृष्ण के प्रेम-रूपी दरिया में कभी पाँव नहीं रखा और न ही कभी उनके रूप-सौंदर्य का दर्शन किया।
6 ‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।
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1 point
क. गोपियाँ कहती हैं कि वे तो अबला और भोली हैं। कृष्ण के प्रेम में उनकी स्थिति जैसे हैं जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपट जाती हैं।
ख. गोपियाँ कहती हैं कि वे तो अबला और भोली हैं। कृष्ण उनके प्रेम में इस तरह से लिपट गए हैं जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपट जाती हैं।
ग. गोपियाँ कहती हैं कि वे तो अबला और भोली हैं। उद्धव तो कृष्ण के प्रेम में इस तरह से लिपट गए हैं जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपट जाती हैं।
7 मन की मन ही माँझ रही।
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1 point
क. गोपियाँ कहती हैं कि वे अपने मन का दुःख व्यक्त करना चाहती हैं लेकिन किसी के सामने कह नहीं पातीं, बल्कि उसे मन में ही दबाने की कोशिश करती हैं।
ख. उद्धव कहते हैं कि वे अपने मन का दुःख व्यक्त करना चाहते हैं लेकिन किसी के सामने कह नहीं पाते , बल्कि उसे मन में ही दबाने की कोशिश करते हैं।
ग. कृष्ण कहते हैं कि वे अपने मन का दुःख व्यक्त करना चाहती हैं लेकिन किसी के सामने कह नहीं पाते , बल्कि उसे मन में ही दबाने की कोशिश करते हैं।
8 मरजादा न लही।
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1 point
क. गोपियाँ कहती हैं कि जब कृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन ही नहीं किया
ख. उद्धव कहते हैं कि जब कृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन ही नहीं किया
ग. कृष्ण कहते हैं कि जब गोपियों ने प्रेम की मर्यादा का पालन ही नहीं किया
9 हमारैं हरि हारिल की लकरी। - हारिल की लकड़ी से अभिप्राय है-
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1 point
क. हारिल पक्षी की लकड़ी
ख. श्री कृष्ण गोपियों के जीवन में का एक मात्र आधार हैं
ग. श्री कृष्ण हारिल की लकड़ी हैं
10. सु तौ ब्याधि हमकौ लै आए, देखी सुनी न करी- का अभिप्राय स्पष्ट करें-
*
1 point
क. उद्धव योग रूपी रोग न जाने कहाँ से ले आएँ हैं ,हमने तो इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना
ख. उद्धव के योग के बारे में गोपियाँ पहले से ही जानती है
ग. उद्धव गोपियों के लिए योग का संदेश लेकर आए हैं
11. जिनके मन चकरी- कह कर गोपियों ने क्या व्यंग्य किया है ?
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1 point
क. उद्धव अपने उपदेश उन्हें दें जिनका मन कभी स्थिर नहीं रहता है।
ख. उद्धव अपने उपदेश कृष्ण को दें जिनका मन कभी स्थिर नहीं रहता है।
ग. गोपियों का मन कृष्ण भक्ति पर स्थिर है
12. राज धरम तौ यहै ‘सूर’, जो प्रजा न जाहिं सताए।- गोपियों द्वारा क्या स्पष्ट किया गया है?
*
1 point
क. राजा का परम कर्तव्य यही होता है कि वह अपनी प्रजा के सुख-दुःख का ख्याल रखे।
ख. राजा का परम कर्तव्य यही होता है कि वह अपने सुख-दुःख का ख्याल रखे।
ग. राजा का परम कर्तव्य यही होता है कि वह राज करे ।
13. गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन से परिवर्तन दिखाई दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस लेने की बात कहती हैं?
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1 point
क. कृष्ण में इतनी भी मर्यादा नहीं बची है कि स्वयं आकर गोपियों की सुध लें।
ख. कृष्ण ने उद्धव को योग सिखाने भेज दिया
ग. गोपियों को कृष्ण से कोई उम्मीद नहीं है
14. गोपियों के अनुसार योग साधना -
*
1 point
क. व्यर्थ है क्योंकि उनका मन कृष्ण के प्रेम में अनुरक्त है
ख. ज़रूरी है क्योंकि कृष्ण अब नहीं आएँगे
ग. ज़रूरी है क्योंकि इसी के माध्यम से कृष्ण की प्राप्ति होगी
15 . सूरदास के इन पदों में कौन - से रस की अभिव्यक्ति है -
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1 point
क. श्रृंगार रस
ख. संयोग श्रृंगार रस
ग. वियोग श्रृंगार रस
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