1 सूरदास
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नाम *
केंद्रीय विद्यालय का नाम *
संभाग *
1 ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी। *
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2 अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी। *
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3 पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी। *
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4 ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी *
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5  प्रीति नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी। *
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6 ‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी। *
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7 मन की मन ही माँझ रही। *
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8 मरजादा न लही। *
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9 हमारैं हरि हारिल की लकरी। - हारिल की लकड़ी से अभिप्राय है- *
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10. सु तौ ब्याधि हमकौ लै आए, देखी सुनी न करी- का अभिप्राय स्पष्ट करें- *
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11. जिनके मन चकरी- कह कर गोपियों ने क्या व्यंग्य किया है ? *
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12. राज धरम तौ यहै ‘सूर’, जो प्रजा न जाहिं सताए।- गोपियों द्वारा क्या स्पष्ट किया गया है? *
1 point
13. गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन से परिवर्तन दिखाई दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस लेने की बात कहती हैं? *
1 point
14. गोपियों के अनुसार योग साधना - *
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15 . सूरदास के इन पदों में कौन - से रस की अभिव्यक्ति है -   *
1 point
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