ज्ञान गोष्ठी  - QUIZ No. 36                                                                                                                                                                          
विषय : प्रमाण-नय, प्रश्न : 521 to 527, कर्ता-कर्म, प्रश्न : 528 to 531

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१. उपयोग का लक्षण क्या है? *
1 point
२. साधक जीव को नय विवक्षा में बारहवे गुणस्थान तक कौनसा नय कहा है ? *
1 point
३.  ज्ञान द्वारा ज्ञेय पदार्थो को जानने के लिए ज्ञान-ज्ञेय का ( एक दूसरे के साथ ) सम्बन्ध जरुरी है? *
1 point
४. स्वतः प्रमाणता का अर्थ क्या है ? *
1 point
५. वस्तु की शक्ति दूसरे पदार्थो द्वारा उत्पन्न होती है ऐसा मानना - वह प्रमाण है क्या? *
1 point
६. शुद्ध नय का पक्ष - इसका अर्थ क्या है? *
1 point
७. राजमलजी पंडितजी के अनुसार मैत्री क्या है? *
1 point
८.भगवान शुद्ध आत्मा में कोई औदयिक होते नहीं है - यह कौनसा विषय है? ( समयसार / नियमसार  ) *
1 point
९. आत्मा ही औदयिकभाव रूप परिणमित होता है - उसे क्या कहा है? ( तत्वार्थसूत्र ) *
1 point
१०. किस का वचन प्रमाण है ? *
1 point
११. में परके कार्य कर सकता हु - ऐसी मान्यता क्या है? *
1 point
१२. सब द्रव्य अपनी स्वतंत्रता से परिणमित होते है - ऐसा सर्वज्ञ देव की वाणी स्वीकार करना - वह क्या है? *
1 point
१३. सच्चा परमार्थ क्या है? *
1 point
१४. संसारी जीव दु:खी क्यों है ? *
1 point
१५. जीव निश्चय से पर का कार्य नहीं कर सकता, लेकिन व्यव्हार से पर का कार्य कर सकता है - यह कथन/मान्यता सत्य है? *
1 point
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