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ज्ञान गोष्ठी - QUIZ No. 29
विषय : द्रव्य गुण पर्याय , प्रश्न : 434 to 444
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१. केवलज्ञानादि क्षायिक भाव कया है?
*
1 point
पुद् गलादि जैसे अजीव
जीव का चैतन्यभाव
२. पर्याय का लक्ष छुडा़ने के लिए केवलज्ञानादि क्षायिक भाव को कैसा बताया है?
*
1 point
पर द्रव्य
अभूतार्थ
ऊपर दिए गए सभी विकल्प सही है
३. आत्मा राग द्वेषादि भावों का ज्ञान करता है यह?
*
1 point
निश्चय कथन है
व्यवहार कथन है
दोनों नयों का कथन है
४. कौनसी पर्याय अपने षट् कारक से स्वतंत्र परिणमन करती है?
*
1 point
क्रोधादि विकारी पर्याय
सम्यक दर्शनादि निर्मल पर्याय
ऊपर दिए गए सभी विकल्प सही है
५. शुध्ध पर्याय स्वद्रव्य के सन्मुख होती है इसलिए वह द्रव्य से?
*
1 point
भिन्न है
अभिन्न है
६. विकारी पर्याय पर द्रव्य के सन्मुख होती है इसलिए वह द्रव्य से?
*
1 point
भिन्न है
अभिन्न है
७. समयसार में संवर अधिकार में क्रोधादि विकार के प्रदेश और आत्मा के ज्ञान प्रदेश को कैसा बताया है?
*
1 point
भिन्न-भिन्न है
अभिन्न है
८. वास्तव में पर्याय, द्रव्य से कैसी है?
*
1 point
सर्वथा भिन्न है
कथंचित भिन्न है
सर्वथा अभिन्न है
९. सुख का अनुभव कहाँ होता है?
*
1 point
पर्याय में
द्रव्य में
१०. अनुभव पर्याय की शोभा में कौन कारण है?
*
1 point
पर्याय के अपने से ही शोभा है
आत्मद्रव्य के कारण ही शोभा है
११. दुःख का वेदन किस की पर्याय में होता है?
*
1 point
जीव की पर्याय में
पुद गल की पर्याय में
१२. पर्याय द्रव्य को कैसे जानती है?
*
1 point
तन्मय होकर
अतन्मय रहकर
१३. जब सम्यक दर्शन की निर्मल पर्याय होती है तब वह द्रव्य में एकरुप होकर जानती है?
*
1 point
हाँ
नहीं , पर्याय अपनेमें रहकर जानती है, एकरुप होकर नहीं
१४. पुद गल द्रव्य की पर्याय को होने में किस की अपेक्षा है?
*
1 point
जीव द्रव्य की
पुद गल द्रव्य की
किसी की अपेक्षा नहीं, वह अपने षट् कारक से स्वतंत्र होती है
१५. द्रव्य और पर्याय की संपूर्ण स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?
*
1 point
पर्यायको परिणमन के लिए स्वद्रव्य की अपेक्षा है और उसका जन्म क्षण क्रमबद्ध है
पर्यायको परिणमन के लिए स्वद्रव्य या परद्रव्यकी अपेक्षा नहीं है , वह अपने षट् कारक से स्वतंत्र होती है और उसका जन्म क्षण क्रमबद्ध है
१६. द्रव्य द्रष्टि के विषय में ?
*
1 point
द्रव्य मुख्य और पर्याय गौण करना
द्रव्य और पर्याय दोनों मिलकर पूर्ण द्रव्य कहलाता है
१७. प्रमाण ज्ञान के विषय में ?
*
1 point
द्रव्य मुख्य और पर्याय गौण करना
द्रव्य और पर्याय दोनों मिलकर पूर्ण द्रव्य कहलाता है
१८. जब "द्रव्य से पर्याय की उत्पत्ति होती है" एसा कथन शास्त्र में आए तब वहाँ?
*
1 point
पर्याय की उत्पत्ति सिध्ध करना है
पर्याय का अस्तिरुप सत् पना सिध्ध करना है
१९. जब "पर्याय की स्वतंत्र पने अपने से ही उत्पत्ति होती है" एसा कथन शास्त्र में आए तब वहाँ?
*
1 point
पर्याय की उत्पत्ति सिध्ध करना है
पर्याय का अस्तिरुप सत् पना सिध्ध करना है
२०. अनुभूति, वही आत्मा कयों कहा है?
*
1 point
अनुभूतिपर्याय में संपूर्ण आत्मद्रव्य का ज्ञान / सामर्थ्य हो जाता है
ध्रुव द्रव्य , पर्याय में शामिल हो जाता है
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