हम बनेंगे गीता-वित् प्रश्नोत्तरी - 15
गीता-वित् वह है जिसे भगवद् गीता का पूर्ण ज्ञान है।

🌷☘️जय श्री राम!!🌷☘️
🌷☘️जय श्री कृष्ण!!🌷☘️

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🌷ॐ श्री गणेशाय नम: 🌷
🌷ॐ श्री गुरुभ्यो नम: 🌷

इस नए प्रकार के प्रश्नोत्तरी में आपका स्वागत है !! 

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भगवद् गीता
🌷ॐ श्री परमात्मने नम: 🌷

भगवद् गीता अध्याय 1 
अर्जुनविषाद योग 

महाभारत युद्ध के वीर योद्धा

हमने पिछले प्रश्नोत्तरी में देखा कि दुर्योधन द्रोणाचार्य से कहा कि वे निष्पक्ष रहें और युद्ध ठीक तरह से करें। गीता के श्लोक में दुर्योधन ने द्रोणाचार्य  को द्विजोत्तम” कहा।  ब्राह्मण को द्विज अर्थात्  द्विजन्मा कहते हैं ( पहला जन्म -माँ के गर्भ  , दूसरा - उपनयन) 
द्विजोत्तम का अर्थ है -श्रेष्ठ ब्राह्मण।

दुर्योधन ने द्रोणाचार्य से कहा कि दोनों पक्ष के योद्धा—
1. बहुत ही शूर हैं -शक्तिशाली ; 
2. महेष्वासा:-महान धनुर्धर; 
3. महारथाः-महारथी, जो युद्ध में अकेले ही दस हजार साधारण योद्धाओं का सामना कर सके।
4. “नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः” सभी योद्धा विविध प्रकार के शस्त्रों से सुसज्जित हैं और युद्ध कौशल में निपुण हैं।

दुर्योधन ने कहा कि यद्यपि पितामह भीष्म के कारण उनके पास अपर्याप्त बल है , फिर भी उसने  कौरव सेना के सभी योद्धागणों से आग्रह किया कि सब अपने मोर्चे पर अडिग रहते हुए भीष्म पितामह की पूरी सहायता करें। 

गीता के श्लोक में  पितामह भीष्म को - “कुरुवृद्ध” और  “प्रतापवान” कहा गया है। 
कुरुवृद्ध- कुरूवंश के वयोवृद्ध 
प्रतापवान - परम यशस्वी महायोद्धा। 
गीता के श्लोक (1.4-1.8)में इन महान योद्धाओं के बारे में कहा गया है 

कौरवों के पक्ष में

- पितामह भीष्म- कुरु वंश के महान योद्धा सेनापति, कुरुवृद्ध, प्रतापवान
- द्रोणाचार्य- पाण्डवों और कौरवों के गुरु, द्विजोत्तम
- कृपाचार्य- कुरुवंश के कुलगुरु, 
 - 100 कौरव - दुर्योधन, दु:शासन,विकर्ण  आदि
- सूर्य पुत्र कर्ण
- अश्वत्थामा - द्रोणाचार्य के पुत्र
- शकुनि - कौरवों के मामाजी
कृतवर्मा- नारायणी सेना के सेनापति
जयद्रत- कौरवों की बहन दु:शला के पति
शल्य- माद्री के भाई, नकुल और सहदेव के मामाजी
- सौमदत्त- शान्तनु के भाई,सोमदत्त का पुत्र  भूरिश्रव  
कर्ण के पुत्र - वृषकेतु और उनके भाई


पाण्डवों के पक्ष के योद्धा 

- पंच पांडव - युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव
- द्रुपद - पांचाल देश के राजा, द्रौपदी के पिताजी 
द्रुपदपुत्र - शिखंडी ,
धृष्टद्युम्न - पाण्डवों के सेनापति 
- युयुधान - इनका दूसरा नाम  सात्यकि है । सात्यकि नारायणी सेना के महान योद्धा है लेकिन वे पाण्डवों के पक्ष ( धर्म) में लड़े और वे अर्जुन के शिष्य थे। 
- विराट - महाराज विराट जो अभिमन्यु के ससुर हैं और अज्ञातवास के समय पांडव इनके राज्य में ही छिपे थे । 
-धृष्टकेतु - शिशुपाल का पुत्र था और चेदी देश का राजा था। उसकी बहन का विवाह नकुल से हुआ था। वह कृष्ण का मित्र भी था।
चेकितान - धृष्टकेतु का पुत्र था। वह केकय का राजा था। 
काशीराज - काशी के राजा थे और अंबा, अंबिका और अंबालिका के पिता थे, जिनका विवाह भीष्म के सौतेले भाई विचित्रवीर्य से हुआ था।पांडवों और कौरवों  के परदादा।
कुंतीभोज और पुरुजीत - कुंतिभोज कुंती देवी के पालक पिता हैं।  पुरुजित कुंतिभोज का पुत्र था । 
- शैभ्य -युधिष्ठिर के ससुर थे
-युधामन्यु और उत्तमौज - पांचाल देश के योद्धा
-सौभाद्र- अभिमन्यु , सुभद्रा और अर्जुन के पत्र
-द्रौपदेयाश्च- द्रौपदी के पाँच पुत्र, उपपांडव
- घटोत्कच- भीम और हिडिंबा के पुत्र
युयुत्सु - धृतराष्ट्र और दासी के पुत्र, दुर्योधन का सौतेला भाई, जो पांडवों के पक्ष में लड़ा था 
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