- पितामह भीष्म- कुरु वंश के महान योद्धा सेनापति, कुरुवृद्ध, प्रतापवान
- द्रोणाचार्य- पाण्डवों और कौरवों के गुरु, द्विजोत्तम
- कृपाचार्य- कुरुवंश के कुलगुरु,
- 100 कौरव - दुर्योधन, दु:शासन,विकर्ण आदि
- सूर्य पुत्र कर्ण
- अश्वत्थामा - द्रोणाचार्य के पुत्र
- शकुनि - कौरवों के मामाजी
- कृतवर्मा- नारायणी सेना के सेनापति
- जयद्रत- कौरवों की बहन दु:शला के पति
- शल्य- माद्री के भाई, नकुल और सहदेव के मामाजी
- सौमदत्त- शान्तनु के भाई,सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रव
- कर्ण के पुत्र - वृषकेतु और उनके भाई
पाण्डवों के पक्ष के योद्धा
- पंच पांडव - युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव
- द्रुपद - पांचाल देश के राजा, द्रौपदी के पिताजी
- द्रुपदपुत्र - शिखंडी ,
धृष्टद्युम्न - पाण्डवों के सेनापति
- युयुधान - इनका दूसरा नाम सात्यकि है । सात्यकि नारायणी सेना के महान योद्धा है लेकिन वे पाण्डवों के पक्ष ( धर्म) में लड़े और वे अर्जुन के शिष्य थे।
- विराट - महाराज विराट जो अभिमन्यु के ससुर हैं और अज्ञातवास के समय पांडव इनके राज्य में ही छिपे थे ।
-धृष्टकेतु - शिशुपाल का पुत्र था और चेदी देश का राजा था। उसकी बहन का विवाह नकुल से हुआ था। वह कृष्ण का मित्र भी था।
- चेकितान - धृष्टकेतु का पुत्र था। वह केकय का राजा था।
- काशीराज - काशी के राजा थे और अंबा, अंबिका और अंबालिका के पिता थे, जिनका विवाह भीष्म के सौतेले भाई विचित्रवीर्य से हुआ था।पांडवों और कौरवों के परदादा।
- कुंतीभोज और पुरुजीत - कुंतिभोज कुंती देवी के पालक पिता हैं। पुरुजित कुंतिभोज का पुत्र था ।
- शैभ्य -युधिष्ठिर के ससुर थे
-युधामन्यु और उत्तमौज - पांचाल देश के योद्धा
-सौभाद्र- अभिमन्यु , सुभद्रा और अर्जुन के पत्र
-द्रौपदेयाश्च- द्रौपदी के पाँच पुत्र, उपपांडव
- घटोत्कच- भीम और हिडिंबा के पुत्र
- युयुत्सु - धृतराष्ट्र और दासी के पुत्र, दुर्योधन का सौतेला भाई, जो पांडवों के पक्ष में लड़ा था