महर्षि कश्यप सप्तर्षि में एक महान ऋषि हैं । इनके पिता का नाम महर्षि मरीचि है और ये ब्रह्मदेव के पौत्र हैं। इनके सत्रह पत्नियाँ हैं । इसमें से प्रमुख पत्नियाँ अदिति, दिति, कद्रू और विनता।
अदिति के पुत्र से सृष्टि की रचना हुई
१२ आदित्य- विवस्वान (सूर्य), आर्यमन , त्वष्टा , सवित्र , भग, धाता , मित्र , वरुण , अम्सा , पूषन , इंद्र और विष्णु ( वामन के रूप में)
८ वसु - धर, ध्रुव, सोम, अप्, अनल/ अग्नि, अनिल, प्रत्यूष तथा प्रभास
११ रुद्र - कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शम्भू/ शिव, चण्ड तथा भव
दिति के पुत्र-
दैत्य (हिरण्याक्ष, हिरण्यकशिपु, होलिका)
४९ मरुत - वायु के ४९ प्रकार हैं
कद्रू के पुत्र-
आदिशेष( विष्णु का शयन) ,
तक्षक ( राजा परीक्षित को इसी ने काटा था),
वासुकि ( शिवजी की गर्दन में )
कालिया ( श्रीकृष्ण ने यमुना नदी में इसका दमन किया)
अन्य प्रकार के नाग ।
विनता के पुत्र -
गरुड़ ( विष्णु का वाहन)
अरुणा( सूर्य का सारथी)