गजेंद्र नामक हाथी अपने पिछले जन्म में विष्णु का भक्त था। जब एक तालाब में एक मगरमच्छ ने गजेंद्र का पैर पकड़ लिया, तो उसने भगवान विष्णु से मदद के लिए चिल्लाया और भगवान की शरण ली। उस समय उसका पूर्व जन्म का आध्यात्मिक ज्ञान जागृत हुआ और उसने एक अद्भुत गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र की रचना की। तुरंत भगवान विष्णु प्रकट हुए और मगरमच्छ को मारकर उसकी रक्षा की तथा गजेंद्र को मोक्ष प्रदान किया।
यह घटना मानव जीवन का प्रतीक है। हाथी की तरह हम मनुष्य भी इस संसार के सागर (तालाब) में वासना (मगरमच्छ) के कारण कष्ट भोग रहे हैं और हमें भगवान की शरण में जाना चाहिए।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र भागवत का एक सुंदर स्तोत्र है जिसमें सब कुछ है - गीता का रस, भागवत का सार, भगवान के दिव्य गुण और प्रत्येक शब्द का इतना गहरा अर्थ है कि हर एक को अवश्य पढ़ना चाहिए। ॐ नमो नारायणाय🌹🙏