पाँच में ऐसा क्या- क्या है?
हमने पिछली प्रश्नोत्तरी में से एक में नंबर चार के बारे में देखा था।
आज हम नंबर पाँच से संबंधित आध्यात्मिक विषयों को देखने जा रहे हैं ।
पंचभूत - वायु,अग्नि,जल,आकाश,पृथ्वी
पंचज्ञान इंद्रियाँ
कान,नेत्र,जिह्वा,त्वचा,नासिका
पंच कर्म इंद्रियाँ
वाक्,हस्त,पांव,लिंग,गुदा
पंचकोश -
अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय
पंचप्राण -
प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान
पंच तन्मात्राएँ -
रस,स्पर्श,गंध,रूप, शब्द
पंचयज्ञ -
ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, पितृयज्ञ ,बलि वैश्वदेव यज्ञ, अतिथि यज्ञ
पंच क्लेश -
अविद्या, अस्मिता( अहंकार) , राग, द्वेष एवं अभिनिवेश ( जीवन से चिपकना )
पंच आयुध -
पाञ्चजन्य शंख, सुदर्शन चक्र, कौमोदकी गदा, शारंगी धनुष,नन्दक खड्ग
पंचाक्षरी मंत्र-
ॐ न म शि वा य
पंच पाण्डव -
युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल , सहदेव
पंच उपपांडव -
प्रतिविन्ध्य, शतनिक, सुतसोम,श्रुतकीर्ति और श्रुतकर्मण
पंचमहाकन्या
अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी