भगवद् गीता प्रश्नोत्तरी-113
☘️🌷जय श्री राम !! जय श्री कृष्ण !!🌷☘️
आपका नाम *
1. यदि सूर्यास्त होने से पहले मैं जयद्रथ का वध न कर दूँगा तो चिता में जलकर भस्म हो जाऊँगा।’ यह प्रतिज्ञा किसने की थी?
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2. निराकार रूप की आराधना में निर्वचनीय, व्यक्त, चिंतनीय,अशाश्वत ब्रह्म के स्वरूप पर समर्पित होते हैं और वे भी भगवान को पाते हैं|
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3 . भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि वे मैं सभी जीवों के उदर में पाचन अग्नि के रूप में रहता हूँ । इस अग्नि का नाम क्या है ?
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4. भगवान के नाम को पहचानिए। वह, जिसे परिभाषित नहीं किया जा सकता और न ही किसी भी माध्यम जैसे इंद्रिय, धारणा, अनुमान द्वारा समझा जा सकता है। न ही किसी चीज़ों के संदर्भ में समझाया जा सकता है और न ही मापने योग्य है।  

 ऐसे अवर्णनीय, अतुलनीय भगवान का नाम क्या है ?
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5.      

श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम्।
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ॥     

इस श्लोक में नवविधा भक्ति के बारे में कहा गया है। अपने आपको भगवान के चरणों में सदा के लिए समर्पण कर देना को आत्म-निवेदनं कहते हैं।

 किस राजा ने आत्म-निवेदन, उनकी संपत्ति, उनका निजी शरीर, भगवान के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया?
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