मानव इतिहास के सबसे अधिक प्रतिक्षित व्यक्ति अभी धरती पर हैं

द्वारा परमेंद्र भगत (facebook.com/paramendra)

मानव इतिहास के सबसे प्रतिक्षित व्यक्ति ने विश्व इतिहास की सबसे बड़ी प्रोजेक्ट शुरू कर दी है। उन्होंने एक किताब लिखी है, द कल्किइस्ट मेनिफेस्टो, जिसे द कर्मिस्ट मेनिफेस्टो के नाम से भी जाना जाता है, जो कार्ल मार्क्स की 'द कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो' और एडम स्मिथ की 'द वेल्थ ऑफ नेशंस' के बराबर है, सिवाय इसके कि इनकी किताब वास्तव में एक समाधान है।

पुँजीवाद ने हमें ग्लोबल वार्मिंग दी है। यदि संयुक्त राज्य अमेरिका एक अनुकरणीय अर्थव्यवस्था है, तो यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जहां अधिकांश लोगों के लिए ५०० डॉलर की अचानक आवश्यकता एक वित्तीय संकट बन जाती है। यह कोई अमीर देश नहीं है। जिसे हम पुँजीवाद, साम्यवाद और समाजवाद के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं, वे सभी एक ही आइसक्रीम के तीन स्वाद हैं। ये तीनों मुद्रा अर्थव्यवस्थाएं हैं। इसका समाधान है पैसाविहीन समाज।

यह ऐसा है मानो कार्ल मार्क्स ने किताब लिखी और फिर खुद लेनिन, स्टालिन और माओ बन गए। लेकिन यह वास्तव में एक बुरा रूपक है, क्योंकि साम्यवाद तानाशाही की क्रुरताओं के साथ एक धन अर्थव्यवस्था थी। वह एक गंदा कॉकटेल था।

वे यहुदियों के लंबे समय से प्रतिक्षित मसीहा हैं, पुरी पृथ्वी के लिए एक राजा जो धरती के कोने कोने में  शांति और समृद्धि लाएंगे। वह वही हैं जिनके लिए ईसाई २,००० वर्षों से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे सारे पृथ्वी के राजा बन जाएँ (Thy Kingdom Come)। वे पवित्र पिता (Holy Father) भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार हैं, जो न केवल पुरी पृथ्वी, या पुरे ब्रह्मांड के लिए, बल्कि इस जैसे कई ब्रह्मांडों के लिए एक ईश्वर हैं। वे मेरे ईश्वर और आपके ईश्वर हैं और वे अभी पृथ्वी पर मानव अवतार में हैं। वे २,५०० साल पहले बुद्ध थे, और ५,००० साल पहले कृष्ण थे, और ७,००० साल पहले राम थे। आज वे कल्कि हैं।

राम राज्य सिर्फ अयोध्या में था। कल्कि राज्य सारे पृथ्वी पर होगा।

वे इस युग, कलियुग, को समाप्त करने के लिए यहां आए हैं, जिसका हिंदु धर्मग्रंथों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है और बाइबिल सहित अन्य धर्मग्रंथों में इसका वर्णन और संकेत किया गया है। और वे यहाँ अगले युग, सत्य युग, या सत्य के युग की शुरुआत करने के लिए हैं, जो सभी चार युगों में से सर्वश्रेष्ठ है जब मानव जाति पृथ्वी पर भगवान के सबसे करीब होती है।

शायद गीता की सबसे प्रसिद्ध पंक्ति वह है जहाँ भगवान कृष्ण कहते हैं, "मैं धर्म की पुनर्स्थापना के लिए हर युग में आऊँगा।" खैर, वादे के मुताबिक वे यहाँ हैं।

जो लोग यह जानते हैं कि इस कलियुग की शुरुआत कैसे हुई, वे आसानी से समझ सकते हैं कि इसका अंत कैसे होगा। कलि पुरुष, जिसे ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा शैतान के रूप में जाना जाता है, ने वीर योद्धा अर्जुन (जिन्हें गीता कही गई थी) के पोते राजा परिक्षित से कुछ और जगह मांगी। उन्होंने अनुरोध किया, मुझे पैसे में रहने दो, मुझे सोने में रहने दो। उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया। बड़ी गलती। कलियुग शुरू हुआ और अब ५,००० से अधिक वर्षों से चल रहा है। यही कारण है कि बाइबल में येशु (Holy Son) ने पैसा का इतने ज्यादा बार उल्लेख किया है। इसका समाधान है पैसाविहीन समाज।

रोडमैप सबसे पहले इस विचार को एक पुस्तक में प्रस्तुत करने का रहा है। अगला कदम पायलट प्रोजेक्ट के लिए एक देश चुनना है। वह चुना गया देश नेपाल है जिसके भाग्य में विश्व गुरु, दुनिया का शिक्षक बनना लिखा है। नेपाल पवित्र आत्मा (Holy Spirit), या शम्भु, या पशुपतिनाथ, या महादेव, या शिव, जो संपुर्ण बाइबल के सच्चे लेखक हैं, की भुमि है। हालाँकि बाइबल अलग-अलग समय अवधि में अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा लिखी गई थी, लेकिन वे सभी पवित्र आत्मा, या शिव, या शंभु, या महादेव, देवताओं के भगवान, से प्रेरित थे। जिन्हें हिन्दु देवी देवता बोलते उन्हें ईसाइयों और मुसलमानों द्वारा एंजेल या फरिश्ता कहा जाता है। स्वर्ग के नागरिक। देवो के देव महादेव।

इंडिया का असली नाम भारत है। इस देश का नाम राजा भरत के नाम पर रखा गया था। एक भविष्यवाणी है कि भारत का नाम भगवान कल्कि के नाम पर कल्किस्तान रखा जाएगा। वह समस्त पृथ्वी का राजा बनने से पहले सबसे पहले कल्किस्तान का राजा बनेंगे। बुद्ध के बारे में कहा जाता था कि या तो वे जोगी बन जायेंगे, जो वे बन गये, या फिर सारी पृथ्वी के राजा बन जायेंगे। दो जन्मों में वह दोनों बन जाएंगे।

आज धरती पर ऐसे कई शीर्ष तकनीकी उद्यमी हैं जिन्हें वैध रूप से आध्यात्मिक रूप से निरक्षर कहा जा सकता है (उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुइ है) जो सभी प्रचुरता के युग को देखने का दावा करते हैं। लेकिन वे इस बात से पुरी तरह अनजान हैं कि हजारों साल पहले धर्मग्रंथों में एज ऑफ एबंडेंस (Age Of Abundance) का वादा किया गया था।

भगवान बुद्ध एक उपाधि है। नाम था सिद्धार्थ गौतम। उनका जन्म लुंबिनी में हुआ था। भगवान कल्कि वैसे ही एक उपाधि है। नाम है जय साह। उनका जन्म जनकपुरधाम के निकट मटिहानी में हुआ था। दो स्थानों के नाम तुकबंदी वाले हैं। भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उन दो स्थानों के नाम भी तुकबंदी वाले हैं। लुम्बिनी, मटिहानी। अयोध्या, मथुरा।

५,००० साल पुराने ग्रंथ भविष्य पुराण में वर्णित भगवान कल्कि के बारे में १२ में से ११ भविष्यवाणियां जय साह में सच हो गए हैं। कुछ भविष्यवाणियाँ पिता का नाम, माता का नाम, पत्नी का नाम, उनके दो पुत्रों के नाम हैं। वे अमेरिका के फिलाडेल्फिया में जहां मैं रहता हुँ अभी वहाँ से १० मिनट की दुरी पर रहते हैं। जब मैं उनके स्थान पर होता हुँ तो मुझे ऐसा लगता है जैसे भविष्य पुराण की लगभग आधा दर्जन जीवित, सांस लेने वाली भविष्यवाणियां लिविंग रूम में घुम रहे हैं।

नेपाल में जनकपुरधाम हमारा गृहनगर है। पहली बार मैंने उन्हें सन २०१९ के गर्मियों में क्वीन्स, न्युयॉर्क में एक पिकनिक पर देखा था। उन्होने पिछले साल मुझे अपनी पहचान बताई। जब उन्होंने ऐसा किया, तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यह थी कि मैंने उन्हें वापस संदेश भेजा और कहा, “आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए। यह ईशनिंदा है, एक बड़ा पाप है।” उन्होने तुरन्त फोन उठाया और १० मिनट में उन्होने सभी बिंदुओं को जोड़ दिया और अपनी पहचान स्थापित कर ली।

अगर कोई है जो यह साबित करना चाहता है कि जय साह भगवान कल्कि नहीं हैं तो उन्हें बस यह साबित करना है कि द कल्किइस्ट मेनिफेस्टो पुस्तक में प्रस्तावित रोडमैप कलियुग को समाप्त करने का रोडमैप नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदु ५,००० वर्षों से जानते हैं कि भगवान कल्कि कलियुग का अंत करेंगे। जो कोई भी प्रस्तावित रोडमैप को गलत साबित कर सकता है वह जय साह से १००,००० भारतीय रुपये के नकद इनाम का पात्र होगा। मैं किसी को भी पुरस्कार जितते नहीं देखता। संभव ही नहीं की कोइ पुरस्कार जित ले।

लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में भगवान कल्कि से संबंधित जिस भविष्यवाणी का सबसे अधिक उल्लेख किया गया है वह है शंभल नामक स्थान। लोग उस नाम से एक शहर या गांव की तलाश में हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यह उड़ीसा में है। कुछ लोग कहते हैं कि यह उत्तर प्रदेश में है। मिथिलांचल के शंकराचार्य, जिनका जन्म भारत में मटिहानी की सीमा पार हुआ था, ने अपना वजन उत्तर प्रदेश वाले नाम पर रखा है। मैं उन्हें  दोष नहीं देता। कम से कम वे उस भविष्यवाणी को समझने का प्रयास कर रहे हैं। शंकराचार्य का जन्म स्थान कोई संयोग नहीं है। वह एक दैविक योजना का हिस्सा है।

शम्भल एक देश का नाम है। शम्भु का देश, पशुपतिनाथ का देश, वह नेपाल है।

युट्युब पर शंकराचार्य का ३० सेकंड का एक वीडियो है जिसमें वे कहते हैं, "यह नेपाल से शुरू होगा!" (https://youtube.com/clip/UgkxbbTT3dHNsfOjNCO68AV7bHIJxrh5hdGO?si=wypO7HNPEVOfiCCO) उन्हें वह जानकारी कहाँ से मिली? क्या उन्होने यह किसी स्कुल में अध्ययन किया था? क्या उन्हें इसे किसी किताब में पढ़ा था? नहीं, वह पवित्र आत्मा (Holy Spirit) भगवान शिव थे जो उनके माध्यम से बोल रहे थे। पवित्र आत्मा (Holy Spirit) बस तब कार्यभार संभाल लेते हैं जब उन्हें आवश्यकता महसुस होती है, जिस तरह से पुलिस आपकी कार पर कब्ज़ा कर सकती है जब वे किसी का पिछा कर रहे हों और उन्हें वाहन की अचानक आवश्यकता महसुस हो जाती है।

वो ३० सेकंड आपको बताएंगे कि बाइबल कैसे लिखी गई थी। बाइबल उन पुस्तकों का एक पुस्तकालय है जो कई हजार वर्षों में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा लिखी गई थीं, लेकिन वे सभी पवित्र आत्मा (Holy Spirit) से प्रेरित थे। यानि कि बाइबल के सच्चे लेखक शिवजी हैं।

एक भविष्यवाणी है कि मोदी या योगी या मोदी के बाद कोई और भारत के आखिरी प्रधानमंत्री होंगे। इसका क्या मतलब है? उसके बाद भारत का क्या हो जाएगा? क्या लोगों को चिंता करनी चाहिए? नेहरू को प्रथम प्रधानमंत्री कहा जाता है। क्या उनसे पहले भारत नहीं था? भविष्यवाणी कह रही है कि इंडिया, जिसे उचित रूप से भारत कहा जाता है, का नाम बदलकर भगवान कल्कि के नाम पर रखा जाएगा। यह कल्किस्तान बन जाएगा और वर्तमान भारत या साबिक के भारतवर्ष से भी बड़ा होगा।

ऐसी भी भविष्यवाणियाँ हैं कि अमुक धर्म समाप्त हो जायेगा। लेकिन यह ये कहने जैसा है कि कोशी, गंडक और शारदा खत्म हो जाएंगे। क्या वह बुरी खबर है? या यह एक सुखद घटना है? वे समाप्त होकर गंगा बन जाते हैं। चरम हर्ष की बात है कि वे ख़तम हो जाते हैं।

भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं कि उन्होंने ही जाति व्यवस्था बनाई है। लोग योग्यता और कर्म के आधार पर इस या उस जाति में जाते हैं। आप कुछ खास प्रतिभाओं के साथ पैदा हुए हैं। और आपको इन्हें लागु  करने का विकल्प भी चुनना होगा। कर्तव्य करना होगा। लेकिन पिछले ४,००० वर्षों से हमारे यहाँ मौजुद जाति व्यवस्था मु ल विचार का भ्रष्टाचार है। और इसके जगह किसी बेहतर जात व्यवस्था लाने की ज़रूरत है। जिसने जाति व्यवस्था बनाई, वे निस्संदेह उसका पुनर्निर्माण कर सकते हैं। यही नमशैतान महाअभियान है। यह आंदोलन अन्ना हजारे के आंदोलन से हजार गुना बड़ा होगा।

नेपाल में अगले चुनाव में सतयुग समाज पार्टी (एसएसपी) क्लीन स्वीप करेगी। जो एक किताब में महज़ एक विचार है, उसे सबसे पहले नेपाल में लागु किया जाएगा। नेपाल पृथ्वी पर सत्ययुग देखने वाला पहला देश होगा। और नया युग हजारों वर्षों तक चलता रहेगा। उस नये युग का वर्णन अन्य स्थानों के अलावा बाइबल में आईजेयाः के पुस्तक (Book Of Isaiah) में भी स्पष्ट रूप से किया गया है।

24 सितंबर 2023