डॉ. परमेश बैनर्जीस क्लिनिक एंड टेलीमेडिसिन टीम ।
इस पेज पर आप क्लीनिकल रिसर्च के परिणाम से सम्बंधित रोगियों की केस फाइल्स के उदहारण पाएंगे ।
इस सफलता के पीछे हमारी क्लीनिक्स और टेलीमेडिसिन सर्विस की टीम है ।
हमारी टीम विश्व के 87 से भी अधिक देशों के रोगियों की चिकित्सा किया करती है जिसमें साधारण एवं अत्यंत जटिल प्रकार के रोगी भी हैं । यदि हमारी सूची में आपको कोई भी रोग नहीं दिखे तो बिना किसी हिचकिचाहट के हमारे होम्योपैथिक अनुभव के विषय जान्ने के लिए हमसे संपर्क करें ।
क्योंकि हमारी टीम ने इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों कि चिकित्सा की है, तो ये संभव है के वह आपके स्वास्थ्य की स्थिति से भी निमत सकती है ।
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ओवेरियन सिस्ट एवं महिलाओं के रोग
लिवर सिरहोसिस या लिवर का फाइब्रोसिस
ऑटिज़्म
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
एस. आर., उम्र - 13 वर्ष, महिला। | दक्षिण दिनजपुर, पश्चिम बंगाल। | 5 June 2013 को जब रोगी ने हमारे साथ ऑटिज़्म कि चिकित्सा को आरम्भ किया तो . . उनकी बोली में स्पष्टता की बहुत कमी थी । उनका सामाजिक संपर्क बहुत कम था । उनकी अनुक्रियाशीलता में बहुत कमी थी । अधिकांश समय वह बहुत गुस्से में रहा करती थीं और उनका व्यव्हार बहुत आक्रामक था । उनका मासिक धर्म अनियमित था । वर्तमान में रोगी के माता-पिता ने पुष्टि की है के . . वह अभी काफी बेहतर हैं । वह टूटे वाक्यों के सहारे बात कर पा रही हैं । तथा वह अपने विचारों को स्पष्ट कर पा रही हैं । उनकी शय्या-मूत्रण कि समस्या पूरी तरह से रुक गयी है । उनकी बोली में सुधार आ गया है । शब्दों का बार बार दोहराना भी बंध हो गया है । उनका सामाजिक संपर्क अब काफी बेहतर है । गुस्सा और आक्रामक व्यवहार 70-80 प्रतिशत तक काम हो गया है । उनका मासिक धर्म अब नियमित है । वह अब भी हमारी चिकित्सा की प्रणाली से जुड़ी हुई हैं । |
पी. एम., उम्र - 7 वर्ष, पुरुष । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | २८ जनुअरी 2016 को चिकित्सा का आरम्भ हुआ । उस समय के कष्ट .. उनकी बोली ठीक ठाक थी परंतु वाक्यों को सामान्य रूप से पूरा नहीं कर पाते थे । उनके अंदर अशांति थी और वह अति सक्रिय रहा करते थे । आँखें मिलाने में और किसी भी चीज़ में ध्यान में में कठिनाई हुआ करती थी । वर्तमान में रोगी के माता-पिता ने पुष्टि की है के . . उनकी बोली अब साफ़ है और वह लंबे वाक्यों को भी पूरा कर सकते है । अशांति और अति सक्रियता गायब हो चुकी हैं । अभी वह आराम से आँख मिला पाते हैं । चीज़ों पर ध्यान देने की योग्यता में सुधार आया है । |
ए. डी., आयु - 4 वर्ष, कन्या | | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | 9 जुलाई 2014 को चिकित्सा का आरम्भ हुआ । मूल कष्ट कि सूची: विकास में देर, रुकी रुकी सी बोली, वाक्यों में स्पष्टता की कमी, सक्रियता, किसी चीज़ पर ध्यान देने में कठिनाई, सामाजिक संपर्क में कठिनाई, हिंसक गुस्सा एवं आक्रामक व्यव्हार, अभी कि परिस्थिति .. वह अब वो हर शब्दों का उच्चारण कर सकती हैं जो उनसे बोलने को कहा जाता है । वह अब कई शब्दों से बने वाक्यों को भी बोल सकती हैं । वह अब आदेशों को समझ पाती हैं और उनका पालन भी कर पाती हैं । वह अब रंगों को उनके नाम के साथ पहचान पाती हैं । गुस्सा, आक्रामक व्यव्हार एवं हिंसा में काफी कमी आयी है । उनको खांसी कि भी समस्या थी और हमारी चिकित्सा के द्वारा इसमें भी कमी आ गयी है । |
ए. के., उम्र - 7 वर्ष, बालक । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | चिकित्सा कि शुरुआत - 3 जून 2014, मूल कष्ट की सूची - मनोदशा में उतार चढ़ाओ, ज़िद्दीपन, अपने आप को खुद ही थप्पड़ मारने की आदत, अशांति एवं अति सक्रियता, गुस्सा एवं आक्रामक व्यव्हार, वाक्यों को पूरा करने में असफलता, शब्दों को दोहराना, आँख मिलाने में कठिनाई । वर्तमान स्थिति - सक्रियता में 75 प्रतिशत कि कमी, ज़िद्दीपन में 75 प्रतिशत कि कमी, अब वह अपने शब्दों को दोहराया नहीं करते, अब वह अपने वाक्यों को पूरा कर पाते हैं, अब वह अपने आप को नहीं मार करते, अशांति में सीमांत रूप से कमी । |
एस. एम., उम्र - 7 वर्ष, बालक । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | चिकित्सा का आरम्भ 9 मार्च 2015 को हुआ। अति सक्रिय, सामाजिक संपर्क बिलकुल भी नहीं, प्रतिक्रिया का स्तर, दृष्टि में खराबी, वह उस समय लगातार एलोपैथिक चिकित्सा करवा रहे थे, अब उनकी सक्रियता में काफी कमी आ गयी है और उनके संचार की क्षमता में सुधार आया है जिसकी पुष्टि उनके माता-पिता की है । |
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Patient’s Details | Location | Description |
जे. के., उम्र - 32 वर्ष, महिला । | पटना, बिहार । | रोगी ने 01/18/2016 को हमारे क्लिनिक का दौरा किया । एम. आर. आयी. ब्रेन (२४.१०.२००९): मेनिंजियोमा (31x 43 mm) अंतिम एम. आर. आयी. ब्रेन रिपोर्ट (२१.१०.२०१३): परिणाम: एक छोटा गांठदार बढ़ने वाला फोकस जिसकी माप लगभग 0.3 cm है और वह टेंटोरिअल मार्जिन के पीछे दाहिने ओर स्थित है । 01/30/2016 को लगभग उसकी माप 5 mm x 6 mm हो गयी । |
आर. जी., उम्र - 33 वर्ष, महिला । | हूघली, पश्चिम बंगाल । | मेनिंजियोमा (ब्रेन ट्यूमर) से जूझ रहे थे । हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत 17 अप्रिल 2012 को हुई । ब्रेन का एम. आर. आयी. (प्लेन एवं कॉन्ट्रास्ट) (01.03.2012): परिणाम: ब्रेन के कॉन्ट्रास्ट एम. आर. आयी. से पता चला - इंटेंसिटी एन्हांसिंग, ऑल्टर्ड सिग्नल इंटेंसिटी मास [माप 20mm (AP) x 19mm (ML) X 16 (CC)], ज़ख्म परसेलर क्षेत्र के दाहिने ओर है । 11.06.2015 को ब्रेन का एम. आर. आयी.: परिणाम: साधारण जांच: नाक पर जलन का एहसास - ना । सरदर्द - ना । उलटी - ना । एसिडिटी - कभी कभी । हाथों और पैरों का काँपना - ना । भूक लगना - ठीक । मूत्र - ठीक । अब वह सामान्य तौर पर स्वस्थ हैं । |
के. के., उम्र - 37 वर्ष, पुरुष । | भुभनेश्वर, ओड़िसा। | ब्रेन ट्यूमर के रोगी, लो ग्रेड ग्लिओमा । ट्यूमर का कम हो जाना । इंफिल्ट्रेटिव एस. ओ. एल. जिसकी माप ब्रेन स्टेम पर लगभग 3.6 x 5.4 x 3.4 cms. है । इसमें भी कमी: (पहले - 10.09.2013 को 5.2 x 5.4 x 4.3 cms. था ।) |
पी. एस. उम्र - 44 वर्ष पुरुष | | केंद्रपाड़ा, ओड़िसा । | केस: पोस्ट क्रेनियोटोमी और पोस्ट रेडियोथेरपी; दाहिने फ्रॉन्टो की स्थिति - टेंपोरो - पेरिएटल एनाप्लास्टिक अस्त्रो साइटोमा डब्लू. एच. ओ. ग्रेड - 3: सर्जरी की तारीख - अप्रिल 2013 हमारे साथ चिकित्सा की शुरुवात - दिसम्बर 2013 जुलाई 2013 में लिज़ियन की माप - 67 x 63 mm यदि लक्षणों की बात करें तो, हमारे साथ चिकित्सा के बाद, वह काफी बेहतर ,हसूस करते हैं। जनुअरी 2015 में किया गया अंतिम स्कैन -- लिज़ियन की माप -- 46 x 43 mm हमने केवल रोग के विकास को ही नहीं रोका, रोग को कम भी किया है। |
आर. सी. | दिल्ली, दिल्ली एन. सी. आर. | केस - कैंसर, ब्रेन ट्यूमर; प्रकार - पोस्ट ऑपरेटिव ग्लियोब्लास्टोमा ग्रेड 4; इस प्रकार का ब्रेन ट्यूमर, कई सुर्गेरीज़ के बाद, रेडियोथेरेपी एवं महेंगी केमोथेरपी के बाद भी, सामान्य रूप से ज्यादा से ज्यादा 14 महीनों का समय देते हैं। रोगी हमारे पास 2 से ज़्यादा वर्षों से है । ब्रेन कि एम. आर. आयी. रिपोर्ट (20.10.2015): बायीं परियेटो में आपरेशन के बाद के परिवर्तन - ओसिपितल लोब (1.4 x 2.3 x 1.2 cm); यदि पिछले स्कैन के परिणाम के साथ तुलना करें तो 1.6 x 2.5 x 1.5 cm कि कमी आयी। पोस्ट ऑपरेटिव कैविटी एवं हलकी वृद्धि में भी कमी आयी है। किसी भी प्रकार का अवशिष्ट लीज़ियन नहीं दिखा। अब रोगी को शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं है । |
बी. एम. उम्र - 42 वर्ष महिला। | ब्रेन ट्यूमर - मय - 2007; हमारी टेलीमेडिसिन सर्विस के साथ जब संपर्क किया: ब्रेन ट्यूमर - 54 x 42 mm (तुरंत सर्जरी का सुझाव); सर्जरी का रिस्क काफी अधिक था । इनकी चिकित्सा का खर्च इनके भाई उठाया करते हैं और उन्होंने हमें लिखा के उनकी आमदनी महीने के Rs. 12000 हैं। अब उनकी बहन काफी बेहतर हैं और हमारी दवाइयों कि सहायता से उनको काफी आराम प्राप्त हुआ है। उनको कभी सर्जरी की आवश्यकता नहीं हुई और हमारे पास आने के बाद उन पर किसी भी प्रकार कि परम्परागत दवाई का उपयोग नहीं हुआ। | |
डी. के. एस., उम्र - 56 वर्ष, पुरुष। | रांची, झारखण्ड। | ब्रेन ट्यूमर - प्रकार: अस्कूस्तिक सवांनोमा अक्टूबर 2009 परिस्थिति: अस्कूस्तिक सवांनोमा से सम्बंधित प्रमुख लक्षण | हमारी चिकित्सा से उनकी परिस्थिति धीरे - धीरे बेहतर होते रही और कुछ ही वर्षों में वह एसिम्पटोमेटिक हो गए। परमेश बैनर्जी एडवांस्ड होम्योपैथिक प्रोटोकॉल ट्रीटमेंट कि निगरानी में पहले तो उनके ब्रेन ट्यूमर का विकास रुक गया, फिर वो कम होने लगा और फिर उसकी माप लग भग ना के बराबर हो गयी । 13.09.2010 एंटेरो पोस्टेरिअरली - 0.91 ट्रान्सवर्सली - 1.34 सुपेरो इंफीरिऑरली - 0.90 14.11.2011 एंटेरो पोस्टेरिअरली - 0.85 ट्रान्सवर्सली - 1.38 सुपेरो इंफीरिऑरली - 0.74 08.10.2013 एंटेरो पोस्टेरिअरली - 0.28 ट्रान्सवर्सली - 0.35 सुपेरो इंफीरिऑरली - 0.20 इम्प्रेशन: पिछली एम. आर. आयी. रिपोर्ट्स से तुलना: 14.11.2013 (AP 0.85 X T 1.38 X SI 0.74) वर्तमान में महत्वपूर्ण कमी पायी गयी: (AP 0.28 X T 0.35 X SI 0.20). ब्रेन स्टेम कम्प्रेशन का जोई भी लक्षण नहीं । बायीं कोरोना रेडिएटा में लकून्स पाए गए । |
ए. ऐछ., उम्र - 47 वर्ष, महिला । | बांकुड़ा, पश्चिम बंगाल । | ब्रेन ट्यूमर - प्रकार - एनाप्लास्टिक एस्ट्रोसाइटोमा मल्टिफोकल - ग्रेड - 3 सर्जरीज़ और आदि के बाद भी उनके पास सिर्फ 3-4 महीनों का समय था। परंतु वह हमारी चिकित्सा, टेलीमेडिसिन सर्विस, के सहारे अब तक हमारे साथ हैं और अभी लग भाग 3 वर्ष हो चुके हैं । हमारी चिकित्सा के सहारे वह धीरे धीरे स्वस्थ होते जा रही हैं। उनका रायल्स ट्यूब हटा दिया गया है । |
आर. एस. उम्र - 47 वर्ष महिला । | कटवा, बर्दवान, पश्चिम बंगाल । | ब्रेन ट्यूमर - प्रकार - पिटुइटरी मैक्रोएडेनोमा ब्रेन ट्यूमर के इस प्रकार से पीड़ित वह हमारे बर्दवान सेण्टर पर सितम्बर 2013 को आयीं । वह अब बहुत स्वस्थ हैं । |
ए. एल., उम्र - 46 वर्ष, महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | काफी बड़े माप का ब्रेन ट्यूमर - प्रकार - न्यूरो ग्लिअल सिस्ट/ग्लिओमा । जब वह हमारे पास आयीं तो इस डायग्नोसिस के साथ लिज़ियन के कई और लक्षण थे । उनके एलोपैथिक डॉक्टर ने जल्द से जल्द सर्जरी करने को कहा । परंतु उन्होंने हमारी चिकित्सा को चुना । |
कैन्सर्स
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
ए. एम. उम्र - 65 वर्ष, महिला । | मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल । | गॉल ब्लैडर में कैंसर : ट्यूमर मार्कर टेस्ट रिपोर्ट (10.12.2013): CA 19.9 -- 43.2 H (0 -- 35) लिवर फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट (07.12.2013): Bili(T) -- 1.7 H (<1), ALP -- 654 H (100 -- 290), SGOT -- 51 H (5 -- 40), SGPT -- 74 H (5 -- 40) ट्यूमर मार्कर टेस्ट रिपोर्ट (01.01.2015):CA 19.9 -- 11.98 (0 -- 37) -- कम हो कर सठीक सीमा के भीतर आ गया (पहले 13.51 28.06.2014 को) लिवर फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट ((29.06.2015): Bili(T) -- 0.66 (0.1 -- 1) ALP -- 328 H (80 -- 306) SGPT -- 18 (9 -- 43) SGOT -- 23 (10 -- 35) भूख - ठीक गैस - 75% कम भोजन के बाद छाती के दाहिने भाग में दर्द - अब नहीं है । हार्टबर्न - अब नहीं है । मुंह के भीतर खट्टापन - अब नहीं है । पेट की सूजन - अब नहीं है । |
बी. के. उम्र - 60 वर्ष, महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | एक पन्क्रेअटिक कैंसर की हमने चिकित्सा कि । उनका पन्क्रेअटिक कैंसर का पता 2007 में लगा । अभी वह निश्चित रूप से स्वस्थ हैं । उन्होंने सर्जरी, केमोथेरपी और आदि परम्परागत थेरापिस को मना कर दिया था और उन्होंने हमारी मॉडर्न होमियोपैथी चुना था जो के 'परमेश बैनर्जी एडवांस्ड होम्योपैथिक प्रोटोकॉल' कहलाता है । वह निश्चित रूप से 16 महीनों के भीतर स्वस्थ हो गयीं जिसकी पुष्टि सिटी स्कैन और ट्यूमर मार्कर टेस्ट ने की । |
बी. बी. उम्र - 74 वर्ष, महिला । | कोलकाता, पश्चिम बेंगाल । | मुंह के कैंसर का एक मामला - स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा 19.12.2011 पर हमारी चिकित्सा शुरू कर दि गयी। उस समय के लक्षण: मुंह के दाईं ओर ट्यूमर। खून बहना - कभी कभी जीभ में जलन दर्द कभी कभी वर्तमान के लक्षण (2015/11/05): मुंह के दाहिने भाग में ट्यूमर - अब नहीं कोई नया विकास नहीं बढ़त में मामूली दर्द - अब नहीं खून बहना - एक बार 3 महीने पहले जीभ में जलन - अब नहीं रात में मुंह में सूखापन - कभी कभी
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एम. एल. उम्र - 68 वर्ष, महिला । | हावड़ा पश्चिम बंगाल | | ओवेरियन कार्सिनोमा का केस। पोस्ट कीमोथेरेपी। एक बार टैपिंग करवाने के बाद उन्हें गंभीर असयटिस हो रही था । उन्हें अधिक ब्लड प्रेशर एवं हैपरचोलेस्ट्रॉलेमिया जैसे रोग भी थे । हमारे उपचार के तहत उन्हें रोग के लगभग सभी पहलुओं में बेहतरी प्राप्त हुई। उनके पेट की परिधि में कमी थी और CA 125 के द्वारा काफी परिवर्तन पाया गया, 11,064.82 (2015/07/03) से एक कठोर नीचे 1775 (2015/09/29) । |
बी. आर. एस. उम्र - 38 warsh, पुरुष। | पाटोन्दायी, उड़ीसा । | कोलोन का कैंसर। फरवरी 2014 में हमारा उपचार शुरू हुआ। तब के शारीरिक लक्षण: पेट में दर्द खट्टी डकार मिचली, उल्टी और कब्ज वर्तमान में उनके सभी लक्षणों को संबोधित किया गया है और रोगी किसी भी दवा के बिना जीवन जी रहा है। फरवरी 2014 में आकार था: 5.8 X 6.8 X 8.4 cms. उनके पेट के हाल ही में सीटी स्कैन से पता चला के मामला सामान्य है । |
ए. एस. उम्र - 56 warsh, महिला । | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | | कैंसर - पेरियमपुलरी कार्सिनोमा (पित्त नली और अग्न्याशय के जंक्शन पर) वह पेरियमपुलरी कार्सिनोमा के साथ 2009 में हमारे पास आयीं । वह पिछले 4 साल से पूरी तरह से ठीक हैं और देश भर में ट्रेन से लगातार यात्रा सहित एक सामान्य जीवन जी रही हैं । |
एस. पी. 63 वर्ष कि उम्र, पुरुष । | पूरबा मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल । | गुर्दे का कैंसर - सितम्बर 2014 में एक बड़े मास के साथ हमसे संपर्क किया गया। वह अच्छी तरह से हैं और लगभग एसिम्पटोमेटिक हैं । उन्हें हृदय सहित कई अन्य स्वास्थ्य से सम्बंधित जटिलताएं हैं। |
आर. पी. एस. उम्र - 68 वर्ष, पुरुष । | मीरट, उत्तर प्रदेश । | कैंसर - कोलोन, लीवर, काएकुम, अपेंडिक्स । अगस्त 2014 में जब वह हमारे पास आये तो कैंसर पूरे शरीर में विस्तार से फैल गया था । वह अब अच्छे हैं और उनकी हालत स्थिर है और अच्छी तरह से हमारी देखभाल में हैं। |
जे. एन. आर. उम्र - 74 वर्ष, पुरुष । | अमता, हावड़ा, पश्चिम बंगाल | | स्किन का कैंसर - प्रकार - बेसल सेल कार्सिनोमा - 7 जनुअरी 2014 को वह हमारे पास कैंसेरस लिज़ियन के साथ हमारे बागनान सेण्टर पर आये । उनकी परिस्थिति को काफी हद तक बेहतर कर दिया गया और अब वह लगभग स्वस्थ हैं और एक सामान्य जीवन जी रहे हैं । |
जे. डी. उम्र - 74 वर्ष, पुरुष । | मुम्बई, महाराष्ट्रा । | कैंसर - गला - प्रकार: स्क़ुएमस सेल कार्सिनोमा - स्वर रज्जु । रोगी हमारे टेलीमेडिसिन सेंटर में 2007 को आये । |
रीनल फेलियर
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Patient’s Details | Location | Description |
बी. एस. उम्र - 68 वर्ष, महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | रीनल फेलियर - स्टेज 5 - प्रकार हाइपरटेंसिव नेफ्रोलॉजी - हमारे पास अक्टूबर 2011 में रीनल फेलियर के साथ आएं । कई बार डायलिसिस हो चुकी थी ताके उनका क्रेएटिनिन काबू में रक्खा जा सके । वह लगातार हमारी चिकित्सा की प्रणाली में 10 अगस्त तक थीं और कुछ कारणों से उनको दवाइयों से दूर रक्खा गया था । कुछ समय बाद उनको हॉस्पिटल ले जाना पढ़ा क्योंकि उनके क्रेएटिनिन का स्तर बहुत बढ़ गया था और दो बार डायलिसिस करना पढ़ा । इसके बावजूद उनके क्रेएटिनिन का स्तर 6 से अधिक हो गया था और Hb लगातार कम होते जा रहा था । इन्होंने हमारी दवाइयों को फिर से 17 सितम्बर 2015 से लेना शुरू कर दिया और उनकी परिस्थिति स्थिर हो गयी, क्रेएटिनिन का स्तर घटता रहा और हर ब्लड रिपोर्ट के साथ Hb लगातार बढ़ता रहा । नवम्बर 2015 - क्रेएटिनिन 6.37 se 3.41 हो गया जब हमारी चिकित्सा फिर से शुरू हुई । यूरिया का स्तर इसी अवधि में 196 se 69 हो गया । ये हमारी चिकित्सा की प्रणाली कि प्रभावकारिता का एक महत्वपूर्ण उदहारण है । |
एम. एस. एस. उम्र - 68 वर्ष, पुरुष । | बलोद, छत्तीसगढ़ । | रीनल फेलियर - प्रकार 2 डायबिटीज नेफ्रोपैथी - स्टेज 5 हमारी टेलीमेडिसिन सर्विस से अप्रिल 2014 को संपर्क किया - उस समय वह सप्ताह में एक बार डायलिसिस करवाया करते थे । उनकी क्रेएटिनिन का स्तर 8 से अधिक होते जा रहा था । अपने शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए वह इन्सुलिन के 22 यूनिट्स लिया करते थे । 19 अगस्त 2014 को उनकी डायलिसिस रुक गयी । अब उनकी क्रेएटिनिन का स्तर 4 aur 6 के बीच में है । उनकी इन्सुलिन यूनिट्स अब 22 से 5 में आ गयी है । |
एस. बी. एस. उम्र - 43 वर्ष पुरुष। | छत्तीसगढ़ | रीनल फेलियर - स्टेज 5 - प्रकार - हाइपरटेंसिव नेफ्रोपैथी हमारी टेलीमेडिसिन से संपर्क इन्होंने स्टेज 5 पर किया जो जे अंतिम स्टेज होता है । यह सितम्बर 2013 था और उनके क्रेएटिनिन की मात्रा 4.29 थी । वह डायलिसिस शुरू करवा रहे थे जिसके कारण बाद में किडनी को बदल देने की आवश्यकता होती । अक्टूबर 2015 में क्रेएटिनिन की मात्रा 2.28 हो गयी जो के लगभग आधी हो gayi. |
के. सी. उम्र - 58 वर्ष पुरुष। | कोलकाता, पश्चिम बंगाल। | रीनल फेलियर - स्टेज 2 - प्रकार - हाइपरटेंसिव नेफ्रोपैथी यह रीनल फेलियर का ज़्यादा नामवर केस नहीं है क्योंकि जब हमने चिकित्सा शुरू की थी तो क्रेएटिनिन की मात्रा ज़्यादा संकटमय नहीं थी । हमारी चिकित्सा के कारण क्रेएटिनिन की मात्रा को सामान्य रक्खा गया है जो के 3 के भीतर है जब से हम इनकीchikitsa कर रहे हैं । यदि हम ना होते तो ऐसे रोगियों को अक्सर डायलिसिस करवाने की आवश्यकता होती और आगे जा कर किडनी को बदल देना पड़ता । |
महिलाओं के रोग ऊपर जाएँ
रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
पि. एन. उम्र - 27 वर्ष महिला। | आसनसोल, पश्चिम बंगाल। | चिकित्सा की शुरुआत - 12 अगस्त 2013 रोग - मुख्या बांझपन एवं भारी गर्भाशय और पि. सी. ओ. डी. हमारी चिकित्सा का परिणाम - हमारी चिकित्सा के 3 महीनों के बाद वह अब माँ बनने वाली हैं । |
पि. एल. डी. उम्र - 29 वर्ष महिला । | बांकुरा, पश्चिम बंगाल । | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत : 3rd दिसम्बर 2011 मुख्या समस्या : पेट का दर्द जो के पीछे की ओर और बाएं पैर कि ओर बढ़ता है । असामान्य मासिक धर्म यु. एस. जी. (27.11.2011): बायीं ओर टयूबो ओवेरियन मास. माप: 6.5 X 3.2 भारी यूटेरस 9.0 X 3.6 X 5.4 cm 19.04.2014: मासिक धर्म - सामान्य पेट का दर्द अब नहीं है पेट के नीचे वाले भाग का यु. एस. जी. (13.04.2014) - सामान्य यूटेरस का माप - 7.78 X 4.49 X 3.77 cm (साइज में कमी) इम्प्रैशन - सामान्य |
आयी. पी. उम्र - 25 वर्ष महिला | बैंगलोर, कर्नाटका । | चिकित्सा कि शुरुआत : सितम्बर 2013 रोग - बायलैटरल पोलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज 3 महीनों के भीतर - हमारी चिकित्सा के बाद यु. एस. जी. से ये सिद्ध हो गया के ओवरीज़ में अब सिस्ट्स नहीं थे । वर्तमान में - ;वह हमारी चिकित्सा के प्रणाली में केवल पीठ के दर्द का इलाज करवा रही हैं और उनका मासिक धर्म अब सामान्य है । |
N B 40 year old, Female | Howrah West Bengal | चिकित्सा की शुरुआत - जून 2014 रोग - भारी यूटेरस, माइनोमा और ओवेरियन सिस्ट। हमारे पास आने से पहले उनको सर्जरी करवाने की राय दी गयी थी। 2015 - उन्होंने पेट के नीचे वाले भाग का फिर से यु. सी. जी. करवाया। अब दोनों ओवरीज़ सामान्य थीं । माइनोमा अब नहीं था और यूटेरस की माप भी घट गयी थी । |
एफ. के. उम्र - 24 वर्ष, महिला । | उदयपुर, राजस्थान । | चिकित्सा की शुरुआत - सितम्बर 2014 यु. एस. जी. लोअर एब्डोमेन रिपोर्ट - (16.06.2014): - दोनों ओवरीज़ के माप कई छोटे छोटे फॉलिकल्स के साथ काफी बड़ गए थे जिनकी माप 4 - 6 mm थीं । दाहिनी ओवरी कि माप - 37 x 20 x 27 mm (Vol 11.2 cc) बायीं ओवरी की माप - 33 x 27 x 22 mm (vol 10.6 cc) इम्प्रेशन - लोअर एब्डोमेन की यु. एस. जी. रिपोर्ट (09.06.2015): दोनों ओवरीज़ की माप सामान्य हैं । दाहिनी ओवरी - 28 x 26 x 16 mm (vol 5.9 cc) कम हो गयी - (पहले - 37 x 20 x 27 mm (vol 11.2 cc) 16.06.2014 को) बायीं ओवरी - 28 x 30 x 12 mm (5.6 cc) कम हो गयी - (पहले 33 x 27 x 22 mm (vol 10.6 cc) 16.06.2014 को) श्रोणि में कोई भी सॉलिड या सिस्ट मॉस नहीं दिखा - कमी आयी (पहले दोनों ओवरीज़ कई सारे छोटे छोटे फॉलिकल्स से बड़ गयी थीं और 16.06.2014 को उनकी माप थी 4 - 6 mm. किसी भी प्रकार की असामान्यता नहीं दिखी । |
डायबिटीज़
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
जी. ऐछ. एम. उम्र - 52 वर्ष पुरुष । | बर्दवान, पश्चिम बंगाल । | एक डायबिटीज के रोगी ने हाल ही में हमारे बर्दवान सेंटर का दौरा किया । जब वह एक साल पहले हमारे पास आये थे तो उनको काफी अधिक फास्टिंग ब्लड शुगर 209 के साथ डायबिटीज मेलिटस का रोग था | उनके एलोपैथिक डॉक्टर्स ने उनको जीवन भर एलोपैथिक दवाइयां लेने की राये दी थि। जब से वह हमारे टीम के द्वारा अपना इलाज करवा रहे हैं, तब से उनके ब्लड शुगर का स्तर बेहतर होते जा रहा है । अब उनका शुगर लेवल काफी सामान्य है जैसे के - डायबिटिक प्रोफाइल रिपोर्ट (06.10.2015): ऐछ. बी. ए. 1 सी. -- 5.82 (<6) एफ. बी. एस. -- 80 (70 -- 110) -- सामान्य स्तर के भीतर पि. बी. बी. ऐस. -- 132 (<140) -- सामान्य स्तर के भीतर |
ए. पि. उम्र - 41 वर्ष महिला । | बागनान, पश्चिम बंगाल । | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - दिसम्बर 2014 वह लगातार इन्सुलिन ले रही थी परंतु फिर भी उनका ब्लड शुगर काफी ज़्यादा था । धीरे धीरे हमने उनकी डायबिटीज को सफलतापूर्वक ठीक कर दिया और इसके साथ साथ हमने उनके इन्सुलिन की मात्रा को भी लगभग आधा कर दिया । पहले का डोस- 24/22 प्रतिदिन अभी का डोस - 10/8 प्रतिदिन |
पि. के. बी. उम्र - 48 वर्ष पुरुष । | जमशेदपुर, झारखण्ड । | डायबिटीज सहित कई प्रकार के रोग । जुलाई - 2015 उनकी आरंभिक फास्टिंग ब्लड शुगर की मात्रा - 320 हमारी चिकित्सा के एक महीने के बाद - मात्रा घाट कर 232 हो गयी । सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति के बेहतरी के साथ साथ इस समय उनका फस्टिन ब्लड शुगर 167 है । रोगी को गॉल ब्लैडर 'स्टोन का भी रोग है परंतु हमारी चिकितसा के कारण उनको किसी भी प्रकार की जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा । |
एम. पि. के. उम्र - 36 वरफ्श पुरुष । | बर्दवान, पश्चिम बंगाल । | रोग - डायबिटीज - प्रकार 2 चिकित्सा की शुरुआत - 20 फेब्रुअरी 2015 दो महीनों में HbA1c 6.5 से घट कर 5.1 हो गया जो के अभी काफी नियंत्रण में है । |
आर. पि. उम्र - 51 वर्ष महिला । | गंजाम, उड़ीसा । | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 19 अप्रिल 2014 रोग - हाइपोथाइरॉइडिस्म / ऐछ. टी. एन./ ओ. ए./ हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया और रिपोर्ट्स का कहना था के परिस्थिति काफी आगे बड़ चुकी थी । हमारी टेलीमेडिसिन सर्विस के साथ रजिस्टर्ड होने और हमारी चुकित्सा का लाभ उठाने के बाद वह अभी काफी वेहतर हैं और यह हम उनकी रिपोर्ट्स के द्वारा साबित कर सकते हैं - लिपिड प्रोफाइल टेस्ट रिपोर्ट (01.03.2015): कोल (टी) - 222 ऐछ (125 – 200) कमी आयी (पहले - 24.09.2014 को 6.68) यूरिक एसिड - 6.2 ऐछ (2.6 – 6) कमी आयी - (पहले - 24.09.2014 को 6.68) डायबिटिक प्रोफाइल रिपोर्ट (01.03.2015): HbA1c – 5.9 (<6) कमी आयी (पहले 24.09.2014 को 6.3) |
हाइपोथाइरॉइडिस्म
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
ए. के. उम्र - 31 वर्ष महिला । | हज़ारीबाग़, झारखण्ड । | रोगी का ईमेल - महोदय/ महोदया हम पिछले डेढ़ सालों से आपके टेलीमेडिसिन सेंटर के साथ संपर्क में हैं । जिस रोग के कारण हमनें आपकी टीम के साथ संपर्क किया था, वह अब ठीक हो गया है । मेरे रोग को डाग्नोस करने में और इन सालों में उस रोग की चिकित्सा करने में डॉ. पि. बैनर्जी अपनी टीम सहित काफी परिशुद्ध थे । मैं आपकी टीम का बहुत आभारी हूँ । मैं आपके टेलीमेडिसिन सेंटर की सूचना अपने मित्रों और रिश्तेदारों को भी दिया करता हूँ । मैं फिर से आपको पूरी निष्ठा से धन्यवाद कहना चाहता हूँ क्योंकि आपने मुझे सहारा दिया और प्रेरणा दी । ऊपर लिखे कारण से मैं सब्सक्रिप्शन को रिन्यू नहीं कर रहा हूँ । धन्यवाद । |
डी. बी. उम्र - 35 वर्ष महिला | हूघली, पश्चिम बंगाल । | चिकित्सा की शुरुआत - 17 मई 2014 मुख्या परिस्थिति - कमज़ोरी, स्मरण शक्ति की क्षति, धड़कन का बढ़ जाना और मानसिक चिंता । अंतिम दौरा - 27 अगस्त 2015 रोगी की परिस्थिति में महत्वपूर्ण सुधार आया । कमज़ोरी - नहीं रही स्मृति - में सुधार आया धड़कन - सामान्य मानसिक चिंता - नहीं रही |
टी. पि. उम्र - 23 वर्ष महिला । | बांकुरा, पश्चिम बंगाल | | चिकित्सा की शुरुआत - 10 अप्रिल 2013 उस समय की मुख्या परिस्थिति - थोड़े से परिश्रम के बाद थक जाना, उनींदापन, सर्दी, बालों का झड़ना । टी. एस. ऐछ. - 7.6 (0.7 से 6.4 - सामान्य) वर्तमान स्थिति - थकान - 75% की कमी उनींदापन - नहीं रहा सर्दी - संबंधित लक्षण अब नहीं रहे बालों का झड़ना - 50% की कमी टी. एस. ऐछ. - 2.2 (0.42 से 5.45 - सामान्य) (19 मार्च 2014) |
एस. एस. उम्र - 35 वर्ष महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | टी. एस. ऐछ. - 10.38 (सामान्य - 0.352 - 5.5) (28.11.2013) टी. एस. ऐछ. - 5.56 (सामान्य 0.352 - 5.5) (10.04.2014) लक्षणों में सुधार - सुस्तपन, मानसिक चिंता और बालों के झड़ना महत्वपूर्ण रूप से घट गया । |
जी. बी. उम्र - 31 वर्ष महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | काफी वर्षों से रोगी एल्ट्रोक्सिन 100 mcg ले रहे थे । फिर उसे बंद कर के वह हमारी दवाइयां लेने लगे । और फिर उसके बाद उन्होंने ने हमारी दवाइयों को जारी रखने की आवश्यकता नहीं हुई । टी. एस. ऐछ. - 4.80 (सामान्य - 0.42 -- 5.45) |
पैनक्रियाटाईटिस
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
एस. एम. उम्र - 12 वर्ष पुरुष । | दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल । | रोग - रेकर्रेंट अक्यूट पैंक्रियाटाइटिस हमारे क्लिनिक का प्रथम दौरा - 19 मई 2015 उनका वर्तमान एमाइलेस और लाइपेस के स्तर (जो के दो सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर्स होते हैं) कम होकर सामान्य स्तर पर आ गया है । लाइपेस - 26 (13-60) -- कम होकर सामान्य सीमा के भीतर आ गया है (पहले 02.05.2015 को 1727 था) एमाइलेस - 52.9 (30-118) -- कम होकर सामान्य सीमा के भीतर आ गया है (पहले 02.05.2015 को 2676 था) |
ए. एस. उम्र - 18 वर्ष बालक । | पूर्वी मिदनापुर, पश्चिम बंगाल । | इनके पैंक्रियाटाइटिस के रोग की चिकित्सा हमनें की है । पहले वह 10 वर्षों से एलोपैथी के द्वारा चिकित्सा करवा रहे थे । एलोपैथिक चिकित्सा के कार्यकाल में 10 वर्षों में इनको लगभग 60 बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था । हमारे साथ चिकित्सा शुरू करने के बाद केवल एक बार अस्पताल जाना पड़ा । |
पि. जी. उम्र - 9 वर्ष बालिका । | मंडी गोबिंदगढ़ पंजाब | रोग - विकट और आवर्तक पैंक्रियाटाइटिस हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - टेलीमेडिसिन के द्वारा 01.04.2014 को । हमारे क्लिनिक का दौरा करने की कभी भी आवश्यकता नहीं पड़ी । लाइपेस - 84 (0-200) -- कम होकर सामान्य सीमा के भीतर (15.02.2014 को 520 (0-200) था) एमाइलेस - 51 (25-110) -- कम होकर सामान्य सीमा के भीतर (15.02.2014 को 1264 (35-140) था) |
ए. के. उम्र - 34 वर्ष पुरुष । | अबोहर पंजाब | टेलीमेडिसिन के रोगी जब उन्होंने हमारे साथ संपर्क किया था तो उनका आवर्तक क्रोनिक कैल्सिफिक पैनक्रियाटाईटिस का काफी लंबा इतिहास था परंतु हमारी चिकित्सा के बाद वह अब बहुत स्वस्थ हो चुके हैं । सब ही स्कैन्स ने इसकी pushti की है । इनकी वी. सी. रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है । |
आर. एस. उम्र - 54 वर्ष महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | रोग - पैंक्रियाटाइटिस हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 11 नवम्बर 2013 लिवर फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट ((03.09.2013): जी. सी. टी. - 61 ऐछ (7 - 58), एमाइलेस - 158 ऐछ (28 - 100) - पेट में भारीपन और सूजन - गैस्ट्रिक के कारण छाती में दर्द पेट की गैस -- दिल में जलन, मुह में खट्टापन -- कभी कभी लिवर फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट (13.01.2014) - - अमाइलेस - 80 (28 -- 100) एंजाइम ऐसे रिपोर्ट (13.03.2014): लाइपेस - 53 (8 -- 57), अमाइलेस - 70 (36 -- 128) अब गैस्ट्रिक से सम्बंधित कष्ट नहीं है । पेट का दर्द - नहीं है पेट में भारीपन और सूजन - नहीं है गैस्ट्रिक के कारण छाती का दर्द - नहीं है दिल की जलन - नहीं है मुह में खट्टापन - नहीं है |
एस. आर. उम्र - 30 वर्ष पुरुष । | कोलकाता/बागनान, पश्चिम बंगाल । | क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस - लगातार पैंक्रियाटिक अटैक, दिसम्बर 2011 में वज़न का काफी घाट जाना | उनकी परिस्थिति में काफी सुधार आया है और वह काफी सामान्य जीवन जी रहे हैं । उनके शरीर का वज़न पैंक्रियाटाइटिस होने से पहले जैसा हो गया है जो के 73- 74 किलो है । जब वह पैंक्रियाटाइटिस से जूंझ रहे थे तो उनका वज़न घाट कर 62-64 किलो हो गया था । अब वह बिना किसी प्रतिबंध के सामान्य भोजन किया करते हैं । |
पाइल्स
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
एम. एस. उम्र - 30 वर्ष महिला । | बागनान, पश्चिम बंगाल । | रोग - बवासीर से सम्बंधित विकट परिस्थिति । इनको सर्जरी की राय दी गयी थी । हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - सितम्बर 2015 तब से इनकी परिस्थिति में महत्वपूर्ण सुधार आया है । केवल बवासीर से सम्बंधित समस्या में सुधार ही नहीं, बल्कि दर्द, जलन और ब्लीडिंग में भी । प्रोस्ट्रूशन की माप में भी कमी आयी है । |
ए. एस. उम्र - 28 वर्ष महिला । | भागलपुर, बिहार । | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 11 जुलाई 2012 समस्या - गंभीर रूप से जलन और ब्लीडिंग के साथ साथ दर्द । इनको पेट की गैस से सम्बंधित समस्या भी थी । अभी इनकी परिस्थिति काफी बेहतर हो चुकी है और ये न्यूनतम मात्रा में हमारी दवाइयां ले रहे हैं । इनकी सभी समस्याएं महत्वपूर्ण रूप से घट गयीं हैं और इनको सर्जरी करवाना भी नहीं पड़ा । |
पि. एस. उम्र - 56 वर्ष महिला । | मालदा, पश्चिम बंगाल । | हमारे क्लिनिक का प्रथम दौरा - जुलाई 2012 रोग - बवासीर और ऑस्टियोआर्थराइटिस हमारी चिकित्सा के कारण वह अभी काफी बेहतर हो चुकी हैं और उनके बवासीर से सम्बंधित रोग लगभग गायब हो चुके हैं । अब उन्हें सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं है । |
एस. एस. उम्र - 39 वर्ष महिला । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | रोग - बवासीर, जो के उनकी सबसे प्रमुख समस्या थी जब उन्होंने हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत मार्च 2014 में किया था । एक महीने के बाद जब वह हमारे पास दोसरी बार आयीं तो - बवासीर से सम्बंधित समस्याएं गायब हो चुकी थीं जैसे के सूजन, दर्द और जलन । हमारी चिकित्सा के कारण अभी वह काफी उचित रूप से स्वस्थ होते जा रही हैं और बवासीर का अब कोई भी संकेत नहीं है । |
ए. बी. उम्र - 22 वर्ष पुरुष । | बैरकपुर, पश्चिम बंगाल । | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 6 अगस्त 2012 उस समय की परिस्थितियां - एनस में ब्लीडिंग, उसके बाद दर्द और जलन ।
वर्तमान स्थिति - एनस में ब्लीडिंग - अब रुक चुकी है । दर्द - कभी कभी जलन - अब नहीं है अब रोगी को सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं है । |
किडनी स्टोन
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
आर. एस. उम्र - 32 वर्ष पुरुष । | कोलकाता, पश्चिम बंगाल । | हमारे क्लिनिक का पहला दौरा - 25 फेब्रुअरी 2014 यु. सी. जी. रिपोर्ट के अनुसार (6 जनुअरी 2014) दाहिने किडनी के पत्थर का माप - 9 mm बायीं किडनी के पत्थर का माप - 7 mm यु. सी. जी. रिपोर्ट के अनुसार (4 अप्रिल 2014) रिपोर्ट - सामान्य अब पत्थर नहीं रहे । पहले वह हेपाटोमेलागि से भी जूंझ रहे थे (थोड़े फैट की मात्रा में परिवर्तन के साथ). हमारी चिकित्सा के बाद, यु. सी. जी. के अनुसार, सब सामान्य है । |
ए. सी. उम्र - 40 वर्ष पुरुष। | हावड़ा, पश्चिम बंगाल। | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 9 अप्रिल 2014 11.03.2014 - यु. ऐस. जी. रिपोर्ट्स के परिणाम - कई छोटे छोटे रीनल कैलकुली। माप - 3.2 mm, 2.7 mm and 3.4 mm (दाहिनी किडनी) 2.6 mm, 3.0 mm (बायीं किडनी) 14.11.2014 - यु. एस. जी. रिपोर्ट्स के परिणाम - अब कोई कैलकुली उपस्थित नहीं। |
एम. एस. उम्र - 59 वर्ष पुरुष। | बांकुरा, पश्चिम बंगाल। | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 24 अप्रिल 2014 11.04.2014 - यु. एस. जी. के. यु. बी. बाइलैटेरल नेफ्रोलिथियासिस दाहिनी किडनी कैलकुलस - 4.1 mm बायीं किडनी कैलकुली - 10.7 mm, 8.5 mm and 8.0 mm 04.09.2014 - यु. एस. जी. - अब कोई कैलकुलस उपस्थित नहीं। |
एन. एम. उम्र - 33 वर्ष महिला। | बोलपुर, पश्चिम बंगाल। | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 9 नवम्बर 2013 23.02.2013 - यु. एस. डी. एब्डोमेन - कैलकुलस (दाहिनी किडनी में 7.8 mm) हमारे साथ चिकित्सा के बाद जब यु. एस. जी. करवाया गया तो उसमे कोई कैलकुलस नहीं पाया। |
एस. एम. उम्र - 37 वर्ष महिला। | पुणे, महाराष्ट्रा। | यु. एस. जी. एब्डोमिनो पेल्विक (10.07.2013): इम्प्रेशन - गॉल ब्लैडर फ़ैल गया था। गॉल ब्लैडर में 12 – 13 mms का मोबाइल इकोजेनिक कैलकुलस पाया गया। गॉल ब्लैडर में एक छोटा सा कॉन्सेन्ट्रिक म्यूकोसल बढ़ता हुआ पाया गया। दोनों किडनियों में 2 – 3 mms के छोटे इकोजेनिक लिज़ियन पाए गए। यह छोटे कैलकुली का संकेत हो सकता है। एब्डोमिनोपेलविक सोनोग्राफी रिपोर्ट (16.07.2015) - लिवर, गॉल ब्लैडर, पैन्क्रीअस, स्प्लीन, दोनों किडनियां, यूरेटर्स और दोनों ओवरिआं -- माप और रूप में सामान्य। इम्प्रेशन - चोट अम्बिलिकल हर्निया (6-7 mm) बाकी का एब्डोमिनो-पेल्विक अवलोकन सामान्य सीमा के भीतर है। |
आर्थराइटिस
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
A D 24 year old, Male ए. डी. उम्र - 24 वर्ष पुरुष। | Murshidabad West Bengal मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल। | 5 नवम्बर 2012 - डायग्नोसिस - रयूमेटॉइड आर्थराइटिस रोग - कई प्रकार के जोड़ों में दर्द, फूलन और विरूपता। यह रोग ऑटो इम्यून होता है और इसकी चिकित्सा करना अन्य प्रकार की चिकित्सा की प्रणाली में लगभग असंभव है। परंतु हमारी चीकित्सा के कारण धीरे धीरे उनका दर्द, कठोरता और फ्होलन घटने लगी और अंत में एक ऐसा पड़ाव आया के उनका दर्द पूरी तरह से गायब हो गया। |
जी. एस उम्र - 43 वर्ष महिला। | कोलकाता, पश्चिम बंगाल। | टौमैटिक लंबर स्पोंडिलोसिस - हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 21 मई 2014 उस समय का रोग - लम्बोसेकरल क्षेत्र में दर्द। दर्द दोनों पैरों की ओर बढ़ गया, विशेष रूप से तब जब बैठने की स्थिति से खड़े होना पड़ता था और जब झुकना पड़ता था। ऐंठन, सूजन, कठोरता, दोनों जांघों का सुन्न हो जाना, दाहिने तलवे पर दर्द, जांघों में जलन, चलने में कठिनाई। वर्तमान स्थिति - रोगी के अनुसार, ऊपर के सभी समस्याएं महत्वपूर्ण रूप से घाट चुकी हैं। |
डी. डी. उम्र - 65 वर्ष महिला। | कोलकाता, पश्चिम बंगाल। | डायग्नोसिस - आर्थराइटिस और हाइपरटेंशन घुटने के जोड़ों में गंभीर दर्द और सूजन। उनके बाएं कंधे में कठोरता और दर्द। हमारी चिकित्सा के कारण वह अभी काफी बेहतर और स्वस्थ हैं। उनके घुटनों की सूजन और दर्द घट गए हैं और उनके कंधे का दर्द भी गायब हो गया है। उनकी चाल अब काफी सरल हो गयी है। |
एस. जे. उम्र - 46 वर्ष महिला। | हूघली, पश्चिम बंगाल। | हमारे बर्दवान क्लीनिक का प्रथम दौरा - अप्रिल 2015 उस समय का रोग - दोनों कन्धों में, पीठ और नीचे की ओर दर्द। हमारी चिकित्सा के दो महीनों के भीतर, वह बेहतर महसूस करने लगीं और वह लगातार काफी अच्छी स्थिति में अब हैं। |
बी. एस. उम्र - 77 वर्ष महिला। | मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल। | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - 19 अक्टूबर 2013 उस समय के रोग - रयूमेटॉइड आर्थराइटिस और उससे सम्बंधित रोग, बाएं घुटने में में दर्द, कमर के निचले भाग में दर्द और सुबह की जकड़न, बाएं टखने के जोड़ में सूजन। और वह उपर्युक्त रोग से पिछले 5 सालों से पीड़ित थीं। ऊपर के सभी रोग महत्वपूर्ण रूप से हमारी चिकित्सा के कारण घट गए हैं। |
लिवर का सिरहोसिस
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आयी. जी. उम्र - 2 वर्ष बालक। | कोलकाता, पश्चिम बंगाल। | एक 6 महीने के बच्चे को जल्द से जल्द लिवर ट्रांसप्लांट की राय दी गयी। हमारे साथ एक वर्ष से वह ठीक है और उसके लिवर से सम्बंधित सारे पैरामीटर तेजी से सुधर रहे हैं। अब तक डेढ़ वर्ष हो गए हैं और उसके स्वास्थ में तेजी से सुधार आया है। <script charset="ISO-8859-1" src="//fast.wistia.com/assets/external/E-v1.js" async></script><span class="wistia_embed wistia_async_au1lar3n1q popover=true popoverAnimateThumbnail=true" style="display:inline-block;height:236px;width:420px"> </span> |
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस
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एन. एम. पुरुष | पुणे, और अब यु. एस. ए. में। | मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जब रोगी ने हमारी टेलीमेडिसिन सर्विस से 2008 में पहली बार संपर्क किया तो उन्हें बार बार मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस के अटैक्स आया करते थे। हमारी चिकित्सा से इसमें कमी आयी और सारे लक्षण काफी कम समय में ठीक हो गए। हम इस मामले में नज़र रख रहे हैं और जनुअरी 2016 तक मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस का एक भी अटैक नहीं हुआ है। हमारी दवाइयां भी रुक चुकी हैं। <script charset="ISO-8859-1" src="//fast.wistia.com/assets/external/E-v1.js" async></script><span class="wistia_embed wistia_async_j8zer1glm6 popover=true popoverAnimateThumbnail=true" style="display:inline-block;height:236px;width:420px"> </span> |
अन्य
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रोगी का विवरण | स्थान | विवरण |
ए. एम. आयु - 62 वर्ष | | पुरुष, हावड़ा, पश्चिम बंगाल | | रास्ते में एक दुर्घटना के कारण ये ब्रेन हैमरेज के साथ कई गंभीर घावों को भुगत रहे थे | एलोपैथिक दवाइयों से चिकित्सा को आरम्भ तो किया गया, परंतु इससे सुस्ती एवं मंदता की अत्यधिक समस्या हो गयी | लगभग 1 वर्ष तक एलोपैथिक दवाइयां लेने के बाद, इन्होनें डॉक्टर परमेश बैनर्जी के साथ भेंट किया और उच्च एवं आधुनीक दवाइयां, जो के हमारी मालिकाना दवाइयां हैं, लेने लगे | धीरे - धीरे इनकी समस्याएं गायब हो गयीं और लक्षण भी ठीक हो गए | अक्टूबर 2013 में इनको डाइबिटीस हुई और इनका HbA1C उस समय 12.1 था | इनका वजन भी बहुत कम होते जा रहा था | हमारी दवाइयों के द्वारा धीरे धीरे इनका रोग अब बहुत नियंत्रण में है और इनका वर्तमान HbA1c फ़रवरी 2017 में 7.6 था | इनको पोसतुरल वर्टिगो की समस्या थी और गर्दन के आस-पास दर्द था जो के सर्विकल स्पोंडिलोसिस का संकेत था | अब ये समस्याएं भी जा चुकी हैं | अब हमारी दवाइयों एवं भोजन से सम्बंधित हमारे सलाह के द्वारा इनका जीवन बहुत स्वस्थ हो चूका है | |
ए. बी. आयु - 6 वर्ष, बालक | | जबलपुर, मध्य प्रदेश | | एक 6 वर्ष का बच्चा हमारे पास 2011 में आया था जो के थैलेसेमिया मेजर का रोगी था और वह इस समय ट्रान्सफ्यूशन्स में था | 2015 तक तक हमारी चिकित्सा चलती रही | हमारी चिकित्सा की अवधि में रोगी को ट्रान्सफ्यूशन्स केवल 4 से 5 बार लेने की आवश्यकता हुई और इसके बावजूद इनके हीमोग्लोबिन का स्तर कभी 8.6 से नीचे नहीं उतरी | व्यापक रूप से थैलेसेमिया के रोगी सम्बंधित या असंबंधित रोग या संक्रमण का शिकार हो जाते हैं, परंतु ये बच्चा इन समस्याओं का शिकार नहीं हुआ और खांसी, ज़ुखाम और बुखार जैसे बहुत कम समस्याएं आयीं | |
एन. एल., आयु - ३८ वर्ष, पुरुष | | नॉएडा, उत्तर प्रदेश | | ३१ जुलाई २०१६ को हमारी टेलीमेडिसिन के द्वारा गॉल ब्लैडर की चिकित्सा का आरम्भ हुआ | हमारे डॉक्टर के निरीक्षण का परिणाम - "आज इन्होनें यू. एस. जी. करवाया है और परिणाम में कोई गुठली नहीं दिखाई दी | कल भी इन्होनें चिकित्सालय में यू. एस. जी. करवाया था और यू. एस. जी. के परिणाम में सामान्य इम्प्रेशन दिखा, परंतु उपस्थित डॉक्टर को परिणाम पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होनें टेस्ट फिर से करवाने को कहा | आज, टेस्ट के परिणाम के द्वारा गॉल ब्लैडर की अनुपस्थिति की पुष्टि हुई | आज हुए टेस्ट के परिणाम की समीक्षा दो उपस्थित डॉक्टरों ने की और उन्हें ये जान कर आश्चर्य हुआ के गॉल ब्लैडर में अब कोई भी गुठली नहीं है | रोगी स्वयम बहुत संतुष्ट हैं क्यों की इनके डाक्टर इन्हें सर्जरी करवाने के लिए जोर दे रहे थे और अपनी चिकित्सा की प्रक्रिया के द्वारा हम इनके रोग की चिकित्सा करने में सफल हुए और इन्हें सर्जरी करवाने की कोई आवश्यकता नहीं हुई |" |
डी. सी. उम्र - 18 वर्ष बालिका। | जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल। | हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - सितम्बर 2013 रोग - ओस्टेओकोंड्रोमेटोसिस (जो के पैदाइशी रोग होता है) उनके शरीर के विभिन्न भागों में दर्द और सूजन के साथ हड्डीदार विकास है। हमारी चिकित्सा के कारण, उनकी कठिनाईयां घटने लगीं और, डेढ़ वर्ष के बाद, उनका रोग लगभग ठीक हो गया। इस समय उनको केवल कई छोटीchoti परेशानियां हैं जिनके लिए उन्होंने हमारे साथ चिकित्सा को जारी रक्खा है। |
ए. ए. उम्र - 10 वर्ष बालक। | बर्दवान, पश्चिम बंगा-ल। | मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सुधार - सी. पि. के. -- 157 (190 तक) सामान्य सीमा के भीतर आ गया - 28.02.2015 को 293 था। |
एस. ए. उम्र - 33 वर्ष महिला। | बांकुरा, पश्चिम बंगाल। | रोग - गॉल ब्लैडर स्टोन हमारी चिकित्सा में 2013 से हैं। 23 अप्रिल 2015: यु. एस. जी. रिपोर्ट - लक्षणों के सुधार सहित कैलकुलस की माप 2.2 cm से घट कर 1.3 cm हो गयी है। |
के. सी. उम्र - 54 वर्ष महिला। | मिदनापुर, पश्चिम बंगाल। | रोग - स्कैबीज़ हमारे साथ चिकित्सा की शुरुआत - सितम्बर 2014 उस समय की समस्याएं - वह इस रोग से एक वर्ष से अधिक समय से जूझ रही थीं। पूरा शरीर इस रोग की कपट में आ गया था। गंभीर रूप से खारिश की समस्या थी, उसके बाद स्केलिंग एवं पस उत्पन कर देने वाली ब्लीडिंग होती थी। पूरे शरीर से अपमानजनक दुर्गन्ध आया करती थी। गले में अल्सर। इस समय उनके पूरे शरीर में केवल दाग हैं, बाकी साड़ी समस्याएं गायब हो चुकी हैं। |
एस. के. एस. उम्र - 40 वर्ष पुरुष। | रायपुर, छत्तीसगढ़। | दिसम्बर 2013 से हमसे चिकित्सा करवा रहे हैं। दोनों पैरों में सोरायसिस लिज़ियन्स। हमारी चिकित्सा से उन्हें काफी तेज़ी से ठीक कर दिया गया। सूखापन, खारिश और दरारें अब काफी बेहतर हैं। लंबे समय से कोई नया लिज़ीयन दिखाई नहीं दिया। रोगी के अनुसार, वह 95 प्रतिशत पहले से बेहतर हैं। |
अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें उपरोक्त जानकारी रिसर्च की प्रक्रिया का प्रदर्शन है और परिणाम संबंधित रोगियों के लिए विशिष्ट हैं। प्रत्येक रोगी के लिए अलग अलग परिणाम भी हो सकते हैं और ऐसा नहीं है के यह प्रत्येक रोगी के लिए प्रभावशाली है। हम अपनी चिकित्सा के परिणाम का कोई आश्वासन नहीं देते हैं।