तद्धितप्रत्ययेषु इत्संज्ञाप्रयोजनम् - संक्षेपः
Neelesh Bodas | neelesh.bodas@gmail.com | 20 Apr 2017
स्वरनिर्णयः | स्त्रीप्रत्ययविधानम् | अङ्गकार्यम् | |
उदित् | - | - | सर्वनामस्थाने परे नुमागमः [7|1|70 उगिदचां सर्वनाम...] |
कित् | समुदायस्य अन्तोदात्तत्वम् [6|1|165 कितः] | - | आदिवृद्धिः [7|2|118 किति च ] |
चित् | समुदायस्य अन्तोदात्तत्वम् [6|1|164 तद्धितस्य] | - | - |
ञित् | समुदायस्य आद्युदात्तत्वम् [6|1|197 ञ्नित्यादिर्नित्यम्] | - | आदिवृद्धिः [7|2|117 तद्धितेष्वचामादेः] |
टित् | - | ङीप्-प्रत्ययविधानम् [4|1|15 टिड्ढाण…] | - |
डित् | - | - | टिसंज्ञकस्य लोपः [6|4|143 टेः] |
णित् | - | - | आदिवृद्धिः [7|2|117 तद्धितेष्वचामादेः] |
तित् | प्रत्ययस्य आदिस्वरितत्वम् [6|1|185 तित्स्वरितम्] | - | - |
नित् | समुदायस्य आद्युदात्तत्वम् [6|1|197 ञ्नित्यादिर्नित्यम्] | - | - |
पित् | प्रत्ययस्य आद्यनुदात्तत्वम् [3|1|4 अनुदात्तौ सुप्-पितौ] | - | - |
रित् | प्रत्ययस्य उपोत्तमस्वरस्य उदात्तत्वम् [6|1|217 उपोत्तमं रिति] | - | - |
लित् | प्रत्ययात् पूर्वस्वरस्य उदात्तत्वम् [6|1|193 लिति] | - | - |
षित् | - | ङीष्-प्रत्ययविधानम् [4|1|41 षिद्गौरादिभ्यश्च] | - |
सित् | - | - | अङ्गस्य पदसंज्ञा [1|4|16 सिति च] |
विशेषः - तद्धितप्रत्ययानां विषये इत्संज्ञाप्रकरणस्य विस्तारेण पाठनम् अत्र कृतम् अस्ति ।